ऑक्सीजन मॉक ड्रिल में गई 22 कोरोना मरीजों की जान

 08 Jun 2021  976

संवाददाता/in24 न्यूज़
जिस अस्पताल में कोरोना के मरीज अपना इलाज करवा रहे हों और उनकी ज़िंदगी से खिलवाड़ करने के लिए ऑक्सीजन मॉक ड्रिल कराया जाए तो समझा जा सकता है कि अस्पताल की सोच कैसी है, क्योंकि इसकी वजह से मरीजों को अपनी जान गंवानी पड़ी. आगरा के एक अस्पताल द्वारा ऑक्सीजन मॉक ड्रिल आयोजित करने के बाद कम से कम 22 कोविड रोगियों की मौत हो गई. एक वीडियो जो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, में एक आदमी को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि उसने 5 मिनट के लिए ऑक्सीजन की आपूर्ति रोक दी थी. ऑक्सीजन यह जानने के लिए बंद की गई थी कि कौन जिंदा रह सकता है. खबरों के मुताबिक वीडियो में दिख रहा शख्स पारस अस्पताल के मालिक अरिंजय जैन हैं. उस व्यक्ति ने कहा कि अस्पताल को ऑक्सीजन की कमी का डर था और उसने यह जांचने के लिए एक मॉक ड्रिल करने का फैसला किया कि सभी की हालत नाजुक है. आदमी ने कहा कि 22 कोविड मरीज कमजोर पाए गए. सुबह सात बजे ड्रिल का आयोजन किया गया. वीडियो वायरल होने के बाद अरिंजय जैन ने मीडिया से बताया कि मॉक ड्रिल का मतलब ऑक्सीजन की आपूर्ति को रोकना नहीं है. बताया गया है कि 22 रोगियों की पहचानकी गई जो बहुत गंभीर थे और वेंटिलेटर पर थे. उनकी ऑक्सीजन की आपूर्ति को छुआ नहीं जा सकता था. यूपी के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने कहा कि उन्हें शिकायत मिली थी कि पारस अस्पताल में ऑक्सीजन मुहैया कराने में दिक्कत आ रही है. डीएम ने कहा कि अस्पताल में 22 गंभीर मरीज भर्ती थे, लेकिन उनकी मौत का कोई विवरण नहीं है. हम उनकी मौत के बारे में सामने आए वीडियो की जांच करेंगे. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ऑक्सीजन की कमी से कथित मौत के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की. उन्होंने एक कथित वीडियो के बारे में एक समाचार रिपोर्ट का हवाला दिया, जिसमें एक डॉक्टर ने स्वीकार किया कि मॉक ड्रिल के दौरान 5 मिनट के लिए ऑक्सीजन बंद करने के बाद 22 लोगों की मौत हो गई. बता दें कि अगर ऑक्सीजन मॉक ड्रिल से पहले मामले की गंभीरता समझी गई होती तो शायद मरीजों की जान बचाई जा सकती थी.