समीर वानखेड़े पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की विजिलेंस जांच शुरू

 25 Oct 2021  581

संवाददाता/in24 न्यूज़।
ड्रग्स केस की जांच के मामले में मुंबई के चर्चित हुए नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े की पोजीशन पर तलवार लटकने से उनकी मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। उनके खिलाफ विजिलेंस विभाग की जांच शुरू हो चुकी है। हालांकि समीर वानखेड़े अपनी पोजीशन पर बने रहेंगे या नहीं, इसका फैसला आना अभी बाकी है। इस मामले में एनसीबी के डिप्टी डायरेक्टर जनरल ज्ञानेश्वर सिंह का कहना है कि समीर वानखेड़े पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की विजिलेंस जांच हो रही है। समीर पद पर बने रहेंगे या नहीं इस सवाल के जवाब में ज्ञानेश्वर सिंह ने कहा कि इसपर कुछ कहना अभी जल्दबाजी होगी क्योंकि जांच अभी शुरू हुई है। इस बीच समीर वानखेड़े भी कल मंगलवार को दिल्ली में किसी रिव्यू मीटिंग के लिए पहुंच रहे हैं। इस दौरान डीजी सत्य नारायण प्रधान समीर से एनसीबी पर लगे आरोपों पर भी बात करेंगे। वहीं दिल्ली स्थित एनसीबी हेडक्वार्टर में उनको लेकर चर्चा भी हो रही है। एनसीबी में उनको लेकर आंतरिक जांच चल रही है जिसे ज्ञानेश्वर सिंह सुपरवाइज कर रहे हैं। जानकारी के लिए बता दें कि एनसीबी पर लगे आरोपों पर डीजी एनसीबी को मुंबई एनसीबी के अधिकारियों ने मेल के जरिए एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपी है। गौरतलब है कि बीते दिन समीर वानखेड़े पर आरोप लगे थे जिसके बाद अब एनसीबी ने सेशन कोर्ट में नया हलफनामा दायर किया है। वहीं समीर का कहना है कि उनको केस की शुरुआत से टारगेट किया जा रहा है। समीर ने कोर्ट में कहा कि मेरे परिवार, मेरी मृतक मां, पिता को निशाना बनाया जा रहा है। साथ ही जांच को प्रभावित किया जा रहा है और उनकी इमेज खराब करने की कोशिश की जा रही है। वहीं ड्रग्स के कनेक्शन को लेकर क्रूज पार्टी पर छापा पड़ा था जिसमें शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को भी एनसीबी ने पकड़ा था। उसे महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक ने फर्जी बताया था। इसके बाद मामले में स्वतंत्र गवाह प्रभाकर ने मामला भ्रष्टाचार का बताया था। इसमें उन्होंने 25 करोड़ की डील की बात कही थी। प्रभाकर ने कहा था कि एनसीबी ऑफिस में उससे कोरे कागज पर साइन कराए गए थे। जिसके बाद अब नवाब मलिक ने यह भी दावा किया है कि समीर वानखेड़े मुस्लिम हैं, जिन्होंने फर्जी जाति सर्टिफिकेट बनवाकर आईआरएस में नौकरी पाई। बता दें कि समीर वानखेड़े ने मुंबई पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखकर कहा है कि उन्हें टारगेट किया जा रहा है और उन्हें जनप्रतिनिधियों द्वारा बर्खास्त करने और जेल में डालने की धमकी दी गई है।