संस्कार भारती के राष्ट्रीय महामंत्री अमीरचंद जी को दी गई श्रद्धांजलि

 17 Nov 2021  978

संवाददाता/in24 न्यूज़। 

संस्कार भारती के राष्ट्रीय महामंत्री अमीरचंद जी के निधन का शोक पूरे देश में है। उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए  प्रसिद्ध फिल्मकार सुभाष घई रुंधे गले से कह रहे थे कि देश के कलाकारों ने अमीरचंद जी के निधन से अपना हितैषी खोया तो विख्यात नाट्य शिल्पी वामन केंद्रे बता रहे थे कि अमीरचंद जी देश के संभवत: अकेले व्यक्ति थे जिनका देश के हर छोटे-बड़े कलाकारों से सीधा संपर्क था और जो कला की हर विधा के हर साधक को राष्ट्रीयता के सूत्र में पिरोये रखते थे। अनुपम स्वर साधक हरीश भिमानी ने पाया कि अमीरचंद जी को 'अ' अक्षर का ही एक शब्द 'असंभव' पसंद नहीं था तो न्यायविद जोग सिंह अमीरचंद जी को सांस्कृतिक समन्वयक के रूप में याद कर रहे थे। विश्व विख्यात चित्रकार तथा संस्कार भारती के अध्यक्ष विश्वनाथ कामत ने उनके कामकाज की बारीकियों पर प्रकाश डाला तो मराठी चित्रपट के अप्रतिम चितेरे राज दत्त जी  ने उनको 'मनुष्यों की प्रतिभा को तराशने वाला कुशल मूर्तिकार' बताया। साहित्य के सभी नौ रस, चित्रकारी के सभी सात रंग, लोककलाओं के सभी सात सुर एक साथ अपने लाडले अमीरचंद को श्रद्धांजलि देने मेयर सभागृह अंधेरी में मंगलवार की शाम उमड़ आए थे। संस्कार भारती के राष्ट्रीय संगठन मंत्री अभिजीत दादा पाटिल ने कहा कि 'कोरोना काल में तांत्रिक एवं कानूनी प्रक्रिया के अनुरूप काम करते हुए सरकारी तंत्र ने जब कलाकारों को दिल्ली स्थित उनके सरकारी आवास खाली करने का निर्देश दिया तो अमीरचंद जी ने कलाकारों का समर्थन कर उस आदेश को निरस्त कराया।' सुदूर क्षेत्रों के कलाकारों को राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय मंच देना तथा राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय प्रसिद्धि पा चुके कलावंतों को सुदूर क्षेत्रों में ले जाकर स्थानीय कलाकारों को प्रोत्साहित करने के अनेक काम उनकी दैनंदिनी का हिस्सा थे। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के अखिल भारतीय संपर्क प्रमुख रामलाल जी ने  कहा कि जिस व्यक्ति ने जीवन को कलात्मक बनाने का संदेश दिया और अनेक लुप्तप्राय होती कलाओं को जीवन भी दिया उनकी श्रद्धांजलि सभा में सारी कला विधाएं 'जीवन के लिए अमीरचंद जी का संदेश देने' एकजुट हुई हैं। ऐसे में उनके प्रति हमारी सच्ची श्रद्धांजलि यह होगी कि हम सभी प्रकार की कलाओं के जीवन से जुड़ाव को नित्य नया विस्तार देते रहें। उल्लेखनीय है कि देश के सभी कला विधाओं को एक सूत्र में जोड़कर उनको राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय पहचान दिलाने के लिए देश भर में घूमते रहनेवाले संस्कार भारती के राष्ट्रीय महामंत्री अमीरचंद जी का निधन गत 16 अक्टूबर को पूर्वोत्तर भारत के त्वांग में हो गया था। उनको श्रद्धांजलि देने के लिए मुंबई उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश श्री जोग सिंह, राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के पूर्व निदेशक वामन केंद्रे, सुश्री संध्या पुरेचा, श्रीमती राजश्री शिर्के, उद्यमी श्रीमती मीनू गुप्ता, फिल्मकार श्री सुभाष घई, संस्कार भारती के राष्ट्रीय संगठन मंत्री अभिजीत दादा गोखले, प्रसिद्ध उद्घोषक श्री हरीश भिमानी ,राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के राष्ट्रीय जनसंपर्क प्रमुख श्री राम लाल, मराठी के दिग्गज फिल्मकार राज दत्त, राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त फिल्मकार संजय पूरण सिंह, राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त फिल्मकार  सुदीप्तो सेन, प्रसिद्ध गीतकार मनोज मुंतज़िर, पवार दंपत्ति सहित सैंकड़ों नामचीन  कलाकार, साहित्यकार, पत्रकार उपस्थित हुए थे। मंगलवार की शाम को संस्कार भारती कोंकण प्रांत की ओर से आयोजित श्रद्धांजलि सभा में अभिनेता और लेखक अरुण शेखर ने बीज वक्तव्य दिया और सूत्रधार हुए विख्यात उद्घोषक हरीश भिमानी। अतुल्य शास्त्रीय गायिका शाल्मली जोशी ने संगीतमय श्रद्धांजलि दी। उसके भजन गायन के बाद अमीरचंद जी के जीवन एवं कार्यों पर आधारित एक वृतचित्र ( डॉक्यूमेंट्री फिल्म) का प्रदर्शन किया गया। इस डॉक्यूमेंट्री फिल्म की विशेष बात यह रही कि इसमें सांगठनिक कार्यों से पूर्वोत्तर प्रवास पर दिया उनके जीवन का अंतिम भाषण भी समावेशित था। इसके बाद वक्ताओं ने अमीरचंद जी से जुड़े अपने अनुभव एवं विचार साझा किये।फिर उपस्थित सभासदों ने दो मिनट का मौन रखकर अमीरचंद जी को श्रद्धांजलि अर्पित की और शांति मंत्र का पाठ शास्त्रीय संगीत गायिका अमिता जोशी द्वारा किए जाने के साथ ही श्रद्धांजलि सभा संपन्न हुई।