कोरोना से ठीक होने वालों के सामने नई मुसीबत !
23 Dec 2020
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ब्यूरो रिपोर्ट/in24 न्यूज़/अहमदाबाद
गुजरात में पिछले 24 घंटे में 1209 कोरोना संक्रमित लोगों के ठीक होने के बाद अस्पतालों से छुट्टी पाने वालों का आंकड़ा बढ़कर 2 लाख 21 हजार 602 के पार पहुंच चुका है और सक्रिय मामले घट कर 11,397 हो गए हैं. वहीं, अस्पताल से डिस्चार्ज होने वालों का सिलसिला लगातार जारी है, लेकिन कोरोना से ठीक होने वाले मरीजों के लिए नई मुसीबत आ गई है. अहमदाबाद में पिछले एक सप्ताह में अब तक 10 ऐसे मरीजों की पहचान की गई है, जिनमें 'गुलियन बेरी सिंड्रोम' के लक्षण पाए गए हैं. इस लक्षण के चलते इन मरीजों के हाथ-पैर लकवाग्रस्त हो गए हैं. इस बारे में अहमदाबाद सिविल अस्पताल के सुपरिटेंडेंट डॉ. जेपी मोदी ने बताया कि सिविल अस्पताल में ऐसे 10 मरीज इलाज करवा रहे हैं. ये सभी मरीज कुछ दिन पहले ही कोरोना वायरस से संक्रमित हुए थे. हालांकि, यह पुराना रोग है और आमतौर पर यह बीमारी उन्हीं मरीजों को होती है, जो या तो कमजोर हैं या फिर जिनका हाल ही में लंबा इलाज चला हो.
वैसे कोरोना वायरस के दौरान इसका फैलना चिंता की बात है, क्योंकि कोविड में टोसिलिजूमेब और रेमडेसिवीर इंजेक्शन के चलते इम्युनिटी कमजोर हो जाती है. गुलियन बेरी सिंड्रोम एक स्वप्रतिरक्षित रोग है. इस स्वप्रतिरक्षित रोग में शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली स्वस्थ तंत्रिकाओं पर हमला करने लगती है. इससे शरीर में कमजोरी आने लगती है, जबकि हाथों और पैरों में झुनझुनी होने लगती है. समय के साथ गुलियन बेरी सिंड्रोम का विकार पूरे शरीर में फैल जाता है. शुरुआत में इस रोग से श्वसन और सांस संबंधी परेशानियां होती हैं और इसके बाद पूरा शरीर लकवाग्रस्त हो जाता है. अब पूरे शहर में गुलियन बेरी सिंड्रोम को लेकर चर्चा जोरों पर है और इसको लेकर लोगों के जेहन में ख़ौफ़ पैदा हो गया है.