पुणे में कोरोना ने ली तीन भाइयों की जान

 08 May 2021  1387

संवाददाता/in24 न्यूज़.
कोरोना महामारी का कहर इतना खतरनाक है कि पुणे के शिरूर में केवल 15 दिनों में एक ही परिवार के तीन भाइयों की मौत हो गई्। यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना शिरूर तहसील के करगांव में हुई्। तोता ढोंडीबा नवले (उम्र 58) की 15 अप्रैल को पॉजिटिव कोरोना रिपोर्ट मिली और इलाज के दौरान 23 अप्रैल को उनकी मृत्यु हो गई्। ठीक चार दिन बाद 27 अप्रैल को उनके दूसरे भाई सुभाष ढोंडीबा नवले (55 वर्ष) की मृत्यु हो गई और 6 मई को उनके तीसरे भाई विलास ढोंडीबा नवले (उम्र 52) की मृत्यु हो गई्। यह व्यक्त किया जा रहा है कि केवल 15 दिनों में एक ही परिवार के तीन सगे भाईयों की मौत से शिरूर तहसील में भय का माहौल है। इसके बावजूद पुणे के लोगों के लिए अच्छी खबर है। पुणे में सूक्ष्म नियंत्रण क्षेत्रों की संख्या दस दिनों में 500 हो गई है। शहर में रोगियों की संख्या में गिरावट के कारण सूक्ष्म अनुबंधों की संख्या 178 हो गई है। यह संख्या दस दिनों में सीधे 497 से घटकर 312 हो गई है। हालांकि पुणे निवासियों से सावधान रहने का आग्रह किया जा रहा है। यदि 5 से अधिक रोगी पाए जाते हैं तो नगरपालिका उस क्षेत्र को प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित करती है। पुणे में वर्तमान में हड़पस, मुंडवा और धनकवड़ी कोरोना के लिए हॉटस्पॉट है। तीसरी लहर के संभावित खतरे को देखते हुए पुणे पालिका अलर्ट मोड पर आ गया है। तीसरी लहर में देश में पहला बाल प्रतिष्ठित केयर अस्पताल पुणे में स्थापित किया जाएगा क्योंकि बच्चों को कोरोना का खतरा है। येरवडा के राजीव गांधी अस्पताल में बाल देखभाल केंद्र स्थापित किया जाएगा। इसके लिए 200 ऑक्सीजन बेड उपलब्ध कराए जाएंगे। अस्पताल पर 4 करोड़ रुपये खर्च होंगे। पालिका आयुक्त रूबेल अग्रवाल ने बताया कि अस्पताल का काम डेढ़ महीने में पूरा हो जाएगा। राज्य ने पिछले 24 घंटों में 54022 कोरोना संक्रमित रोगियों की वृद्धि देखी है और 37386 नए कोरोना संक्रमित रोगी ठीक हुए हैं। कुल 4265326 मरीजों को ठीक कर अस्पताल से घर भेज दिया गया है। राज्य में कुल 654788 सक्रिय मरीज है। राज्य में मरीज की रिकवरी दर अब 85.36 फीसदी है। इसके बाद भी अभी कोरोना से बचने के लिए सरकारी दिशा निर्देशों का पालन करना आवश्यक है।