कानून लाइए मंदिर बनाइए : मोहन भागवत

 18 Oct 2018  1206

संवाददाता/in24 न्यूज़।

नागपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने सरकार से अपील की है कि वह कानून बनाकर अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ करें । राम मंदिर का निर्माण ‘स्वगौरव’ की दृष्टि से आवश्यक है।  मंदिर बनने से देश में सद्भावना एवं एकात्मता का वातावरण बनेगा। विजयादशमी के अवसर पर यहां अपने वार्षिक संबोधन में भागवत ने कहा, ‘‘राम जन्मभूमि स्थल का आवंटन होना बाकी है, जबकि साक्ष्यों से पुष्टि हो चुकी है कि उस जगह पर एक मंदिर था।राजनीति दोषी ठहराते हुए यह भी कहा कि "राजनीतिक दखल नहीं होता तो मंदिर बहुत पहले बन गया होता। हम चाहते हैं कि सरकार कानून के जरिए राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त करे।’’ 

भागवत का यह भी कहना है कि ‘‘राष्ट्र के ‘स्व’ के गौरव के संदर्भ में अपने करोड़ों देशवासियों के साथ श्रीराम जन्मभूमि पर राष्ट्र के प्राणस्वरूप धर्ममर्यादा के विग्रहरूप श्रीरामचन्द्र का भव्य राममंदिर बनाने के प्रयास में संघ सहयोगी है। श्रीराम मंदिर का बनना स्वगौरव की दृष्टि से आवश्यक है, मंदिर बनने से देश में सद्भावना व एकात्मता का वातावरण बनेगा।’’ उन्होंने कहा कि कुछ तत्व नई-नई चीजें पेश कर न्यायिक प्रक्रिया में दखल दे रहे हैं और फैसले में अटकलें पैदा कर रहें हैं। उन्होंने समाज की परीक्षा की धैर्य की बात करते हुए उन्होंने कहा कि बिना वजह समाज के धैर्य की परीक्षा लेना किसी के हित में नहीं है।

 

आरएसएस प्रमुख ने कहा, ‘‘राष्ट्रहित के इस मामले में स्वार्थ के लिए सांप्रदायिक राजनीति करने वाली कुछ कट्टरपंथी ताकतें समस्या पैदा कर रही हैं। राजनीति की वजह से राम मंदिर निर्माण में देरी हो रही है।’’ भागवत ने माओवादियों पर निशाना साधते हुए कहा कि माओवाद की प्रकृति हमेशा से ‘‘शहरी’’ रही है और शहरी नक्सलियों के नव-वामपंथी सिद्धांत का मकसद एक ‘‘राष्ट्रविरोधी’’ नेतृत्व स्थापित करना है जिनके पीछे उनके लिए प्रतिबद्ध अंधप्रशंसक खड़े हों। उन्होंने आरोप लगाया कि ‘‘शहरी माओवाद’’ समाज में वैमनश्य और गलत चीजों को बढ़ा रहे हैं ।