शादी का अधिकार मौलिक अधिकार नहीं

 12 Mar 2019  1598
संवाददाता/in24 न्यूज़.   
कहते हैं शादी सात जन्मों का बंधन होता है, मगर बदलते परिवेश में शादी के प्रति समाज की धारणाओं में काफी परिवर्तन देखने को मिल रहा है.  गौरतलब है कि केंद्र और भारतीय सेना ने दिल्ली उच्च न्यायालय में कहा कि ‘शादी का अधिकार’ मौलिक अधिकार नहीं है और यह संविधान के तहत जीवन जीने के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जज एडवोकेट जनरल विभाग या सेना की किसी अन्य शाखा में वैवाहिक स्थिति के आधार पर कोई भेदभाव नहीं है। उन्होंने एक जनहित याचिका को खारिज करने की मांग करते हुए एक हलफनामे में यह कहा। इस जनहित याचिका में विवाहित लोगों पर सेना की कानून शाखा जैग विभाग में भर्ती किए जाने से रोक को चुनौती दी गई है।