भारत में शराब पीने वालों की संख्या में इज़ाफ़ा

 08 May 2019  1160

संवाददाता/in24 न्यूज़.   

शराब को लेकर अलग-अलग धारणाएं हैं, मगर सबसे बड़ा निष्कर्ष यही है कि शराब स्वास्थ्य के लिए ख़तरनाक है. एक शोध से पता चला है कि 1990 के बाद विश्व स्तर पर प्रति वर्ष शराब की कुल मात्रा में 70% की वृद्धि हुई है. द लैंसेट पत्रिका में प्रकाशित 1990-2017 के बीच 189 देशों के शराब सेवन का अध्ययन और 2030 तक अनुमानित सेवन बताता है कि हानिकारक शराब के उपयोग के खिलाफ लक्ष्य हासिल करने के लिए दुनिया पटरी पर नहीं है. 2010 और 2017 के बीच भारत में शराब की खपत 38% बढ़ी यानि प्रति वर्ष 4.3 से 5.9 लीटर प्रति वयस्क. यह जानकारी भी है कि इस दौरान अमेरिका में (9.3-9.8 लीटर) और चीन में (7.1-7.4 लीटर) खपत बढ़ गई. शराब की खपत और जनसंख्या वृद्धि के परिणामस्वरूप विश्व स्तर पर प्रति वर्ष शराब की कुल मात्रा में 70% की वृद्धि हुई है. इंटेक कम और मध्यम आय वाले देशों में बढ़ रहा है, जबकि उच्च आय वाले देशों में शराब की कुल मात्रा स्थिर रही है. शोधकर्ताओं ने कहा कि अनुमान है कि 2030 तक सभी वयस्क शराब पीएंगे और लगभग एक चौथाई (23%) कम से कम महीने में एक बार शराब पीएंगे.