कोरोना के बाद केरल में निपाह वायरस का संदिग्ध मामला
05 Sep 2021
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संवाददाता/in24 न्यूज़.
कोरोना महामारी के संकट के बीच ही अब एक नए वायरस निपाह का नाम सामने आया है। बता दें कि कोरोना की मार झेल रहे केरल में अब घातक एक और जानलेवा वायरस निपाह के संक्रमण से एक 12 साल के बच्चे की मौत ने नया संकट खड़ा कर दिया है। बता दें कि केरल के कोझिकोड में 12 साल के एक लड़के को अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जिसे निपाह वायरस संक्रमण जैसे लक्षण थे। स्वास्थ्य विभाग के एक सूत्र ने बताया कि राज्य सरकार ने निपाह के संदिग्ध संक्रमण की सूचना मिलने के बाद शनिवार देर रात स्वास्थ्य अधिकारियों की एक उच्चस्तरीय बैठक की। हालांकि राज्य सरकार ने अब तक आधिकारिक तौर पर निपाह वायरस की मौजूदगी की घोषणा नहीं की है, लेकिन सूत्रों ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज स्थिति का जायजा लेने के लिए रविवार सुबह कोझिकोड पहुंच सकती हैं। केंद्र सरकार ने भी मामले की जांच के लिए अपनी टीम को रवाना कर दिया है। दक्षिण भारत में निपाह वायरस बीमारी (एनआईवी) का पहला मामला केरल के कोझिकोड जिले में 19 मई 2018 को आया था। राज्य में एक जून 2018 तक इस संक्रमण से 17 मौतें हुई थीं और 18 मामलों की पुष्टि हुई थी। निपाह वायरस ने जब केरल में पहली बार दस्तक दिया तो सारी दुनिया की निगाहें केरल की तरफ थी। वेक्टर जनित इसआरएनए वायरस का फैलाव चमगादड़ों की उन खास प्रजातियों से होता है जो फलों का सेवन करती हैं। निपाह एक अति संक्रामक वायरल रोग है जो हमारी लार, पेशाब या मल से अन्य लोगों तक फैल सकता है। मई 2018 में इस वायरस की दस्तक केरल में होने के बाद सरकारी स्वास्थ्य तंत्र चौकन्ना हो गया था। भारत के दक्षिण में स्थित केरल भौगोलिक रूप से एक अति महत्वपूर्ण राज्य है, ये महत्वपूर्ण इसलिए भी है कि यहां अन्य राज्यों की तुलना में ज्यादा शिक्षित लोग रहते हैं और यहां का साक्षरता प्रतिशत 94 फीसदी है। इसके अलावा केरल अपनी प्राकृतिक सुंदरता से भी लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है। इसके अलावा पिछ्ले कुछ सालों में यह प्रांत प्राकृतिक आपदाओं और वैक्टर जनित संक्रामक रोग समस्याओं को लेकर कुछ ज्यादा ही चर्चा में है। ऐसा माना जाता है कि केरल में रह रहे परिवारों का कम से कम एक सदस्य हिन्दुस्तान के किसी अन्य प्रांत में या विदेश में रह रहा है और ऐसी हालत में बहुत से ए़क्सपर्ट्स मानते हैं कि बाहरी क्षेत्रों से इस राज्य में आने वाले लोगों की वजह से भी यहां संक्रामक रोगों, खास तौर से वायरल रोगों के फैलाव की संभावनाएं भारत के अन्य राज्यों की तुलना में अपेक्षाकृत ज्यादा हैं। ऐसे में सावधानी ही सबसे कारगर उपाय है।