संवाददाता/in24 न्यूज़.
कोरोना के आंकड़े में अब कमी देखने को मिली है। भारत में एक दिन में कोविड-19 के 30,256 नए मामले आने के बाद देश में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 3,34,78,419 हो गई। वहीं उपचाराधीन मरीजों की संख्या कम होकर 3,18,181 हो गई है, जो 1,823 दिनों बाद सबसे कम है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से सोमवार सुबह आठ बजे जारी किए गए अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, संक्रमण से 295 और लोगों की मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 4,45,133 हो गई। उपचाराधीन मरीजों की संख्या घटकर 3,18,181 हो गई है, जो कुल मामलों का 0.95 प्रतिशत है। उपचाराधीन मरीजों की संख्या मार्च 2020 के बाद से सबसे कम है। पिछले 24 घंटे में उपचाराधीन मरीजों की संख्या में कुल 13,977 कमी दर्ज की गई। मरीजों के ठीक होने की राष्ट्रीय दर 97.72 फीसदी है। आंकड़ों के मुताबिक देश में अभी तक कुल 55,36,21,766 नमूनों की कोविड-19 संबंधी जांच की गई है, जिनमें से 11,77,607 नमूनों की जांच रविवार को की गई। दैनिक संक्रमण दर 2.57 प्रतिशत है, जो पिछले 21 दिनों से तीन प्रतिशत से कम है। वहीं, साप्ताहिक संक्रमण दर 2.07 प्रतिशत है, जो पिछले 87 दिन से तीन प्रतिशत से कम बनी हुई है। अभी तक कुल 3,27,15,105 लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं, जबकि मृत्यु दर 1.33 प्रतिशत है। राष्ट्रव्यापी टीकाकरण मुहिम के तहत अभी तक कोविड-19 रोधी टीकों की 80.85 करोड़ से अधिक खुराक दी जा चुकी है। देश में पिछले साल सात अगस्त को संक्रमितों की संख्या 20 लाख, 23 अगस्त को 30 लाख और पांच सितंबर को 40 लाख से अधिक हो गई थी। वहीं, संक्रमण के कुल मामले 16 सितंबर को 50 लाख, 28 सितंबर को 60 लाख, 11 अक्टूबर को 70 लाख, 29 अक्टूबर को 80 लाख और 20 नवंबर को 90 लाख के पार चले गए थे। देश में 19 दिसंबर को ये मामले एक करोड़ के पार, इस साल चार मई को दो करोड़ के पार और 23 जून को तीन करोड़ के पार चले गए थे। आंकड़ों के मुताबिक पिछले 24 घंटे में संक्रमण से जिन 295 लेगों की मौत हुई, उनमें से केरल के 152 और महाराष्ट्र के 49 लोग थे। देश में संक्रमण से अभी तक कुल 4,45,133 लोगों की मौत हुई है, जिनमें से महाराष्ट्र के 1,38,518, कर्नाटक के 37,603 , तमिलनाडु के 35,337 , दिल्ली के 25,085 , केरल के 23,591 , उत्तर प्रदेश के 22,887 और पश्चिम बंगाल के 18,652 लोग थे। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि अभी तक जिन लोगों की मौत हुई है, उनमें से 70 प्रतिशत से ज्यादा मरीजों को अन्य बीमारियां भी थीं। मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर बताया कि उसके आंकड़ों का भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के आंकड़ों के साथ मिलान किया जा रहा है। गौरतलब है कि अभी भी कोरोना का संकट बना हुआ है।