संवाददाता/in24 न्यूज़।
जानलेवा महामारी कोरोना के ख़िलाफ़ वैक्सीनेशन के मामले में भारत ने दुनियाभर के दिग्गज देशों को पछाड़ दिया है। इसी के साथ अब दुनियाभर के देश भारत के कोरोना वैक्सीन सर्टिफिकेट को मान्यता भी दे रहे हैं। दुनिया के 96 देश अब तक भारत के कोरोना वैक्सीन सर्टिफिकेट को मान्यता दे चुके हैं। ये बात मंगलवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कही। उन्होंने कहा कि 96 देशों ने भारत के साथ कोविड-19 टीकाकरण प्रमाणपत्र को परस्पर मान्यता देने पर सहमति जताई है। मांडविया ने एक बयान में कहा कि भारत सरकार दुनिया के बाकी हिस्सों के साथ संपर्क में है ताकि दुनिया के सबसे बड़े कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम के लाभार्थियों को स्वीकृति और मान्यता मिल सके जिससे वे शिक्षा, व्यवसाय और पर्यटन उद्देश्यों के लिए आसानी से यात्रा कर सकें। गौरतलब है कि कई ब्रिटेन समेत कई देशों ने भारत के कोरोना वैक्सीन सर्टिफिकेट को मान्यता नहीं दी थी, लेकिन पिछले ही हफ्ते ब्रिटेन ने इसे मंजूरी दे दी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि वर्तमान में 96 देशों ने भारत के टीकाकरण प्रमाणपत्रों की परस्पर मान्यता के लिए सहमति व्यक्त की है। इन देशों से लगातार यात्रा करने वाले लोगों को 20 अक्टूबर, 2021 को अंतरराष्ट्रीय आगमन के मद्देनजर जारी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के अनुसार कुछ छूट प्रदान की गई है। मंत्रालय के मुताबिक, जो लोग विदेश यात्रा करना चाहते हैं, वे अंतरराष्ट्रीय यात्रा टीकाकरण प्रमाणपत्र को-विन पोर्टल से भी डाउनलोड कर सकते हैं। उल्लेखनीय है कि कई ब्रिटेन समेत कई देशों ने भारत के कोरोना वैक्सीन सर्टिफिकेट को मान्यता नहीं दी थी, लेकिन पिछले ही हफ्ते ब्रिटेन ने इसे मंजूरी दे दी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि वर्तमान में 96 देशों ने भारत के टीकाकरण प्रमाणपत्रों की परस्पर मान्यता के लिए सहमति व्यक्त की है। इन देशों से लगातार यात्रा करने वाले लोगों को 20 अक्टूबर, 2021 को अंतरराष्ट्रीय आगमन के मद्देनजर जारी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के अनुसार कुछ छूट प्रदान की गई है। मंत्रालय के मुताबिक, जो लोग विदेश यात्रा करना चाहते हैं, वे अंतरराष्ट्रीय यात्रा टीकाकरण प्रमाणपत्र को-विन पोर्टल से भी डाउनलोड कर सकते हैं। बता दें कि जिन 96 देशों ने भारत के टीकाकरण प्रमाणपत्रों की परस्पर मान्यता के लिए सहमति जताई है उनमें कनाडा, अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, बेल्जियम, आयरलैंड, नीदरलैंड, स्पेन, बांग्लादेश, फिनलैंड, माली, घाना, सिएरा लियोन, नाइजीरिया, सर्बिया, पोलैंड, स्लोवाक रिपब्लिक, क्रोएशिया, बुल्गारिया, तुर्की, चेक गणराज्य, स्विट्जरलैंड, स्वीडन, ऑस्ट्रिया, रूस, कुवैत, संयुक्त अरब अमीरात, बहरीन, कतर आदि देश शामिल हैं। इसके अलावा यह भी महत्वपूर्ण है कि इस सुविधा से दुनिया भर को लाभ मिले। इस दिशा में भी प्रयास जारी है।