भारत में निर्मित Covovax और Corbevax वैक्सीन के साथ एंटी वायरल दवा को मंजूरी

 28 Dec 2021  633

संवाददाता/in24 न्यूज़.
कोरोना के बढ़ते खतरे के बीच एक अच्छी खबर है कि अब मेड इन इंडिया वैक्सीन को मान्यता मिली है। स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया  ने कहा है कि कॉर्बेवैक्स भारत में बनी पहली ‘आरबीडी प्रोटीन सब-यूनिट वैक्सीन’ है। इसे हैदराबाद की कंपनी बायोलॉजिकल-ई ने निर्मित किया है। उन्होंने कहा कि यह हैट्रिक है! अब यह भारत में विकसित हुई तीसरी वैक्सीन बन गई है। नैनोपार्टिकल वैक्सीन कोवोवैक्स का निर्माण पुणे स्थित कंपनी सीरम इंस्टीच्यूट ऑफ इंडिया में किया जाएगा।  स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने कोरोना के टीकों कोवोवैक्स और कॉर्बेवैक्स और एंटी-वायरल दवा मोलनुपिरवीर को आपातकालीन उपयोग की मंजूरी दे दी है। स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने यह जानकारी दी। सिलसिलेवार ट्वीट्स में देश को बधाई देते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि मोलनुपिरवीर एक एंटीवायरल दवा है जो देश में 13 कंपनियों द्वारा COVID-19 के वयस्क रोगियों के इलाज के लिए आपातकालीन स्थिति में प्रतिबंधित उपयोग के लिए निर्मित की जाएगी।मंत्री ने कहा कि CORBEVAX वैक्सीन भारत का पहला स्वदेशी रूप से विकसित RBD प्रोटीन सब-यूनिट वैक्सीन है। इसे हैदराबाद स्थित फर्म बायोलॉजिकल-ई द्वारा बनाया गया है। यह भारत में विकसित हुआ तीसरा टीका है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि नैनोपार्टिकल वैक्सीन, कोवोवैक्स, का निर्माण पुणे स्थित फर्म सीरम इंस्टीच्यूट ऑफ इंडिया द्वारा किया जाएगा। गौरतलब है कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) ने कोवोवैक्स के लिए अनुमति मांगी थी एसआईआई ने आपात स्थिति में सीमित उपयोग के लिए कोवोवैक्स के विपणन की मंजूरी के लिए अक्टूबर में डीसीजीआई को एक आवेदन दिया था। देश में कोरोना वायरस को पूरी तरह हराने के लिए सरकार ने एक और बड़ा कदम उठाया है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत आने वाले केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) ने कोविड-19 वैक्सीन कोवोवैक्स और कॉर्बेवैक्स और एंटी-वायरल दवा मोलनुपिरवीर को आपातकालीन उपयोग की मंजूरी दे दी है। इस बात की जानकारी स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर मनसुख मंडाविया ने दी है।स्वास्थ्य मंत्री ने कहा है, कॉर्बेवैक्स भारत में बनी पहली ‘आरबीडी प्रोटीन सब-यूनिट वैक्सीन’ है। इसे हैदराबाद की कंपनी बायोलॉजिकल-ई (Biological-E) ने बनाया है। उन्होंने खुशी जताते हुए कहा कि यह हैट्रिक है! अब यह भारत में विकसित हुई तीसरी वैक्सीन बन गई है। नैनोपार्टिकल वैक्सीन कोवोवैक्स का निर्माण पुणे स्थित कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया में किया जाएगा। बता दें कि कोरोना वैक्सीन के क्षेत्र में यह नई उपलब्धि है।