सिर उठा रहा है डेल्टाक्रॉन, अमेरिका बोला हम चिंतित नहीं!
17 Feb 2022
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संवाददाता/ in24 न्यूज़
कोरोना (covid19) के संदर्भ में अब एक नई परेशानी सिर उठा रही है. अब कोरोना वायरस (coronavirus) के नए वेरिएंट डेल्टाक्रॉन (deltacron) की पुष्टि हुई है। इसकी पुष्टि ब्रिटेन के एक लैब में की गयी है. पहले तो इसे लैब में हुई त्रुटि का परिणाम बताया गया, लेकिन हालिया रिपोर्ट में इसकी पुष्टि की गयी. यही नहीं ब्रिटेन में कोरोना के ओमिक्रॉन और डेल्टा वैरिएंट से बने इस हाइब्रिड स्ट्रेन (hybrid stren) के कुछ मामले सामने आए हैं। लेकिन यूके (UK) की स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी ने कहा कि वे अभी इसके बारे में चिंतित नहीं हैं, क्योंकि मामले कम हैं।
डेली मेल की एक रिपोर्ट के अनुसार, " यह वेरिएंट एक ऐसे मरीज में पाया गया, जो एक ही समय में ओमीक्रॉन और डेल्टा दोनों वैरिएंट से संक्रमित था। फ़िलहाल इसकी जांच की जा रही है कि यह नया वेरिएंट किसी दूसरे देश से आया या फिर ब्रिटेन में ही यह उत्पन्न हुआ था। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है इस वैरिएंट से संक्रमित मरीजों की स्थिति सामान्य ही है।'
यूकेएचएसए के अधिकारी यह भी नहीं जानते हैं कि कोरोना का यह नया वेरिएंट कितना संक्रामक या गंभीर है। उन्हें फिलहाल यह भी नहीं पता है कि इसके लक्षण क्या हैं और टीके इसके खिलाफ कितने असरदार हैं। हालांकि, संक्रामक रोग विशेषज्ञ प्रोफेसर पॉल हंटर ने डेली मेल के हवाले से कहा कि इससे बहुत ज्यादा खतरा पैदा नहीं होना चाहिए, क्योंकि यूके में मूल डेल्टा और ओमिक्रॉन के खिलाफ प्रतिरक्षा मौजूद है। उन्होंने कहा, 'फिलहाल मैं इस समय बहुत ज्यादा चिंतित नहीं हूं। यदि डेल्टा और ओमिक्रॉन दोनों के मामले कम हो रहे हैं, तो इसको विस्तार के लिए संघर्ष करना चाहिए।'
इस बारे में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने बताया कि किसी व्यक्ति के लिए SARS-CoV-2 के विभिन्न प्रकारों से संक्रमित होना संभव है। इसके कई उदाहरण हैं। लोग इस महामारी के दौरान इन्फ्लूएंजा और कोविड -19 दोनों से संक्रमित थे। डब्ल्यूएचओ की मारिया वान केरखोव ने पिछले महीने ट्वीट किया था, "डेल्टाक्रॉन जैसे शब्दों का इस्तेमाल न करें। ये शब्द वायरस / वैरिएंट के संयोजन का संकेत देते हैं और ऐसा नहीं हो रहा है।''
इससे पहले कुछ विशेषज्ञों ने कहा था कि एक कथित हाइब्रिड कोविड -19 उत्परिवर्तन जिसे "डेल्टाक्रॉन" कहा जाता है, को कथित तौर पर साइप्रस की प्रयोगशाला में खोजा गया है। यह लैब त्रूटि के कारण उत्पन्न हो सकता है। इसको लेकर चिंतित नहीं होना चाहिए।