मेडिसिन की ऑनलाइन बिक्री से बेरोजगारी की कगार पर केमिस्ट !

 08 Mar 2022  806
ब्यूरो रिपोर्ट/in24 न्यूज़/नांदेड़    
देशभर में इन दिनों दवाइयों की बिक्री बड़े पैमाने पर ऑनलाइन चल रही है, जिसका असर दवाइयों की रिटेल दुकानों पर पड़ रहा है, जिसको लेकर केमिस्ट वालों की परेशानी बढ़ गई है. बता दें कि पूरे भारत में करीब 10 से 12 लाख रिटेलर्स हैं. अकेले महाराष्ट्र की यदि बात करें, तो यहां करीब एक लाख रिटेलर्स के माध्यम से हर साल 10 से 12 हजार करोड़ रुपए की दवाइयों का कारोबार होता है, लेकिन दवाइयों के क्षेत्र में ऑनलाइन फार्मेसी की एंट्री होने के बाद तमाम रिटेलर्स पर संकट के बादल छाने लगे हैं.
         ड्रग प्राइस कंट्रोल ऑर्डर 2013 के मुताबिक सामान्य विक्रेताओं को ज्यादा से ज्यादा 16 प्रतिशत मार्जिन मिलता है, लेकिन ऑनलाइन फार्मेसी वाले अपने ग्राहकों को 20 से 25 प्रतिशत तक की छूट देते हैं, जिसमें सामान्य विक्रेता दवाइयों की खरीदी ऑनलाइन के माध्यम से करने में ज्यादा दिलचस्पी दिखा रहे है. एक प्रकार से मेडिकल के फील्ड में इन दिनों बड़ी प्रतिस्पर्धा चल रही है और समस्याओं का हल निकालने के लिए सारे हथकंडे विफल साबित हो रहे हैं.  फार्मासिस्ट वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रसाद वाघमोड़े के मुताबिक इस समस्या का हल निकालने के लिए और उससे मुकाबला करने के लिए स्टेट केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन को पूरी ताकत के साथ एकजुट होने की आवश्यकता है.