शराब की दुकान हाईवे पर खुलने के संकेत
17 May 2017
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ब्यूरो रिपोर्ट/ in24 न्यूज़, मुंबई
मुंबई - शराब बंदी से राज्य सरकार को बड़ा आर्थिक फटका। हाईवे से 500 मीटर की दुरी पर बंद हुई शराब की दुकानों से राज्य सरकार को बड़ा फटका लगा है। कई शराब कंपनियों को हज़ारों करोड़ का नुकसान हो रहा है यही नहीं शराब कंपनियों के आड़ में सरकार ने शराब की बिक्री फिर से शुरू करने का संकेत दिया है।
मुंबई के पश्चिम और पूर्वी हाईवे का हस्तांतरण एमएमआरडीए को सौंपा गया है, वही दूसरी ओर विदर्भ में यवतमाल, मराठवाड़ा में जालना, लातूर, औरंगाबाद और नांदेड़ में हाइवे का वर्गीकरण किया जा रहा है, ताकि इन स्थानीय निकायों को हाईवे दिया जा सके। सूत्रों की माने तो अगले कुछ दिनों के बाद सरकार हाईवे को 25 महानगरपालिका को सौंप देंगी। सरकार की योजना है कि हाईवे की मरम्मत का काम स्थानीय निकायों का सौंप दिया जाएगा और हाईवे की मरम्मत के काम के लिए पैसे की ज़रूरत पड़ेगी।
अधिकारी के अनुसार, राष्ट्रीय व राज्यीय हाईवे की देखभाल और दुरुस्ती पर सालाना डेढ़ से ढाई हजार करोड़ रूपए का खर्च आता है, इस पर महानगरपालिका खर्च उठाने के लिए तैयार है उन्हें न्हें प्राथमिकता के तौर पर हाइवे हस्तांतरित कर दिया जाएगा और जो महानगरपालिका या स्थानीय निकाय हाइवे के रिपेयरिंग का भार उठाने में सक्षम नहीं है उसकी मदद राज्य का लोकनिर्माण विभाग करेगा।
गौरतलब है कि बढ़ते सड़क हादसों का हवाला देते हुए सुप्रीमकोर्ट ने हाइवे के 500 मीटर के दायरे में शराब की बिक्री पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से राज्य को सालाना करीब 5,000 करोड़ रूपए का वार्षिक नुकसान होने का अंदेशा है। कोर्ट के आदेश के बाद राज्य में करीब 13,000 परमिट रूम और बार के लाइसेंस वापस ले लिए गए हैं। इससे राज्य को एक तरफ जहां आर्थिक नुकसान हो रहा है वहीं बेजरोजगारी बढ़ रही है।