केंद्र सरकार ने टैक्स घटाया तो सस्ता हुआ खाद्य तेल
20 Aug 2021
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संवाददाता/in24 न्यूज़
खाद्य तेलों की महंगाई से जूझ रहे आम आदमी को राहत देने के लिए केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला किया है। केंद्र सरकार ने सोया तेल और सूरजमुखी तेल की इंपोर्ट ड्यूटी को घटा दिया है। इसे 15 फीसदी से घटाकर 7.5 फीसदी कर दिया है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इसका सीधा मतलब है कि विदेशों से खाने का तेल मंगाना सस्ता हो जाएगा। मौजूदा समय में एक साल में भारत सरकार 60,000 से 70,000 करोड़ रुपये खर्च कर 1.5 करोड़ टन खाने का तेल खरीदती है, क्योंकि घरेलू उत्पादन करीब 70-80 लाख टन है। जबकि देश को अपनी आबादी के लिए सालाना करीब 2.5 करोड़ टन खाने के तेल की जरूरत होती है। भारत ने पिछले साल 72 लाख टन पाम ऑयल मलेशिया और इंडोनेशिया से आयात किया। 34 लाख टन सोया तेल का आयात ब्राजील और अर्जेंटीना से और 25 लाख टन सूरजमुखी तेल का आयात रूस और यूक्रेन से किया गया। भारत में मलेशिया और इंडोनीशिया दोनों ही देशों से पाम ऑयल का आयात किया जाता है। मांग और आपूर्ति के इस गैप की वजह से घरेलू बाजार में दाम पर असर होता है। केंद्र सरकार ने एक राज्य पत्र जारी कर सोया डीगम और सनफ्लावर पर आयात शुल्क में 7.5 फीसदी कटौती की है इससे आगे त्योहारों के दिन होने के नाते खाद्य तेलों की खरीदारी बढ़ने के चलते ग्राहकों को थोड़ी राहत मिलेगी। लेकिन इस बार सरकार की ये कटौती कुछ समय के लिए यानी 30 सितंबर तक की है। अखिल भारतीय खाद्य तेल व्यापारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शंकर ठक्कर का कहना है कि सरकार चाहती तो जैसे आज आयात शुल्क में कटौती की है ऐसे ही इसे कभी भी वापस ले सकती थी लेकिन अवधि दिए जाने से कुछ वर्ग इसका गैर लाभ उठा सकते हैं। सरकार का यह कदम आवश्यक था हमने काफी समय से इसके लिए सरकार से मांग की थी आज इस मांग को पूरा करने के लिए हम सरकार का आभार जताते हैं और स्वागत भी करते हैं इससे विदेशों में उबल रहे बाजारों पर तो रोक नहीं लगेगी लेकिन घरेलू बाजारों पर असर जरूर से होगा। ठक्कर बताते हैं कि सरकार द्वारा आयात शुल्क कम किए जाने पर विदेशी निर्यातक देश निर्यात शुल्क पर बदलाव नहीं लाते हैं तो ही घरेलू बाजार को इसका लाभ मिलेगा। बता दें कि खाद्य तेलों की महंगाई से परेशान गृहणियों को भी इससे बड़ी राहत मिलेगी।