तीन बेटों को जायदाद देकर भीख मांग रहा है किसान पिता

 30 May 2017  1431
ब्यूरो रिपोर्ट/in24 न्यूज़ , मुंबई

महाराष्ट्र में रहने वाले बबन नाम के किसान ने अपनी 2 करोड़ की प्रॉपर्टी अपने 3 बेटों के नाम पर कर दी थी। यह प्रॉपर्टी देते वक़्त किसान पिता ने एक शर्त रखी थी कि उनके बेटे पिता को हर महीने ५ हजार रुपए देंगे। शुरुआत में 3 बेटों ने इस बात के लिए हां भी कर दी थी पर बाद में बेटों ने बबन ( पिता ) को पैसे देने से इंकार कर दिया। इसी वादाखिलाफी से दुखी पिता ने मदद के लिए अपनी पत्नी के साथ कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.

मिली जानकारी के मुताबिक बबन और सरस्वती कर्दे गांव के रहने वाले हैं और रोज की जरूरतों को पूरा करने लिए दूसरे के खेतों में काम करते हैं.  साथ ही उनका कहना है कि जब उनके पास कोई काम नहीं होता है तो कभी-कभी उन्हें भीख मांगने की नौबत आ जाती है। बबन और सरस्वती ने अपने तीनों बेटों बालासाहेब, कृष्ण और चंद्रकांत के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है। बबन का कहना है कि शिरूर में उनकी 19 एकड़ की जमीन थी जो पिछले साल अपने तीनों बेटों में बांट दी थी। लगभग दो महीने तक उनके तीनों बेटे उन्हें 5 हजार रुपए देते रहे, पर बाद में उन्होंने पैसे देने बंद कर दिए। कुछ दिनों तक इंतजार करने के बाद भी जब बेटों से पैसे नहीं मिले तो वो खुद उनके घर गए और उन्होंने पैसे मांगे तो बेटों ने उन्हें एक दूसरे के घर भेजना शुरू कर दिया। उन्होंने ये भी बताया कि यह हैरान करने वाली बात है कि प्रॉपर्टी नाम पर होने से पहले वो सभी मेरे सामने बड़ी अच्छी तरह पेश आते थे.

उन्होंने बताया कि बेटों को बड़ा करने में उन्हें कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा था और उनका बड़ा बेटा बालासाहेब पेशे से टीचर है और 50 हजार रुपए महीने कमा लेता है। मुझे टीबी की बीमारी है जिसकी दवाईयों के लिए उनका हर महीने में  2 से 3 हजार का खर्चा हो जाता है. बीमारी का सामना करते हुए साथ ही पिछले सात महीने से वो कभी दूसरों की खेत में मज़दूरी करते या फिर भीख मांगते हैं. उन्होंने कहा कि उनकी बेटी सीमा शदीशुदा होने के बावजूद उनकी मदद करती है। तीनों बेटों को प्यार से पालने पोसने के बावजूद एक भी बेटा उन्हें मदद नहीं कर रहा.

जब बबन के दो बेटों से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि ये एक गलतफहमी है. चंद्रकांत का कहना है कि वो खुद किसान है और उसे खेती में भारी नुक्सान हुआ है। इसी लिए वो किसी तरह की मदद नहीं कर पा रहा है जब पैसे आ जाएंगे तब सबसे पहले उन्हें भेज दूंगा।