अब महंगा होगा स्विगी और ज़ोमैटो से खाना मंगाना

 15 Sep 2021  592

संवाददाता/in24 न्यूज़।
अब पार्सल से घर-घर तक खाना मंगवाना महंगा होगा। इसकी वजह है कि स्विगी और ज़ोमैटो जैसे ऑनलाइन फूड-डिलीवरी ऑपरेटरों को उनके माध्यम से आपूर्ति की जाने वाली रेस्तरां सेवाओं पर माल और सेवा कर (जीएसटी) का भुगतान करना पड़ सकता है। शुक्रवार को लखनऊ में होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक में इस पर विचार किया जाएगा। कमिटी के फिटमेंट पैनल ने फूड डिलिवरी एप्स को कम से कम 5 फीसदी जीसएटी के दायरे में लाने की सिफारिश की है। ऐसे में स्विगी, ज़ोमैटो आदि से खाना मंगाना महंगा पड़ सकता है। शुक्रवार को जीएसटी काउंसिल कमिटी की मीटिंग होगी। मीटिंग के अजेंडा में इसपर बात करना भी शामिल है। बता दें कि शुक्रवार को जीएसटी काउंसिल की मीटिंग लखनऊ में होनी है। फिलहाल जो व्यवस्था है उससे सरकार को टैक्स में 2 हजार करोड़ रुपये के नुकसान की बात कही गई है। जीएसटी काउंसिल के फिटमेंट पैनल ने सिफारिश की है कि फूड एग्रीगेटर को ई-कॉमर्स ऑपरेटर माना जाए। माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की मीटिंग 17 सितंबर को होनी है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अगुवाई वाली जीएसटी परिषद में राज्यों के वित्त मंत्री भी शामिल हैं। परिषद की बैठक शुक्रवार को लखनऊ में होनी है। जीएसटी परिषद की इससे पिछली बैठक 12 जून को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई थी। बैठक में कई अहम मुद्दों पर चर्चा होगी। यह भी कहा जा रहा है कि बैठक में पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के तहत लाने पर विचार हो सकता है। इस बैठक में अन्य चीजों के अलावा कोविड-19 से संबंधित आवश्यक सामान पर रियायती दरों की समीक्षा हो सकती है। वित्त मंत्रालय ने हाल ही में बताया था कि अगस्त में माल एवं सेवाकर (जीएसटी) संग्रह 1।12 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा था। एक साल पहले अगस्त माह के मुकाबले इसमें 30 प्रतिशत से अधिक वृद्धि दर्ज की गई थी। बता दें कि स्विगी और ज़ोमैटो से खाना मांगनेवालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।