मैनहोल में गिरे डॉक्टर की वरली नाले में मिली लाश !

 31 Aug 2017  1397

ज्योति विश्वकर्मा / in24news

मुंबई में हुई आफत की बारिश ने कइयों को काल की गाल में धकेल दिया। इस दौरान मुंबई के कई इलाकों में भारी जलजमाव देखने को मिला तो वहीं कई इलाकों में पेड़ गिरने की भी खबर सामने आयी।  दक्षिण मुंबई में तो वाटर लॉगिंग इतनी ज्यादा थी कि परेल इलाके में एक नामचीन डॉक्टर के लापता होने की खबर सामने आयी जिसमे बताया जा रहा है कि मुंबई के प्रख्यात बॉम्बे हॉस्पिटल के नामचीन डॉक्टर दीपक अमरापुरकर अस्पताल से अपने घर जा रहे थे लेकिन रास्ते में ट्रैफिक जाम होने की वजह से वे अपने घर से लगभग एक किलोमीटर पहले ही अपनी कार से उतर गए और उन्होंने अपने ड्राइवर से कार लेकर घर आने को कहा। हाथ में छाता लेकर 59 वर्षीय डॉक्टर अमरापुरकर सड़क पर पैदल ही अपने घर की तरफ बढे

लेकिन हैरानी की बात ये है कि जब उनका ड्राइवर घर पहुंचा तो उसे पता चला कि डॉक्टर अमरापुरकर अब तक घर नहीं पहुंचे जिसके बाद डॉक्टर अमरापुरकर के परिवार वालों ने उनकी तलाश शुरू कर दी जब उनका कोई पता नहीं चला तो उनके परिवार वालों ने पुलिस स्टेशन पहुंच कर डॉक्टर अमरापुरकर की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवायी। अमरापुरकर बॉम्बे अस्पताल में पेट से जुड़े मामलों के नामी डॉक्टर थे। डॉक्टर दीपक अमरापुरकर बतौर गैस्ट्रोइंटेरोलॉजिस्ट जाने जाते थे। मंगलवार को हुई तेज़ बारिश में डॉक्टर अमरापुरकर कहीं खो जायेंगे इस बात की कल्पना भी उनके परिवार वालों ने नहीं की थी। आखिरकार जिस स्थान पर डॉक्टर अमरापुरकर अपनी कार से उतरे थे जब उनका ड्राइवर वहां पहुंचा तो उसने पाया कि वहां एक मेनहोल है जिसके पास ही डॉक्टर अमरापुरकर का छाता पड़ा हुआ था जिसके बाद उसी मेनहोल में उनके गिरने की आशंका जतायी गयी।

लेकिन यह महज आशंका भर थी क्योंकि उक्त मेनहोल को भी बीएमसी कर्मचारियों और फायरकर्मियों ने जांचने की कोशिश की गयी लेकिन वहां भी उनका कोई अता-पता था। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार जब डॉक्टर अमरापुरकर मेनहोल में गिरे तो उन्होंने मदद की गुहार भी लगायी लेकिन जब तक उन्हें बचाया जाता तब तक पानी के तेज बहाव में बह चुके थे।  29 अगस्त को बारिश ने जो तांडव मचाया उससे लोग पहले से ही डरे हुए थे क्योंकि लोगों ने इससे पहले 26 जुलाई 2005 की मूसलाधार बारिश को काफी करीब से देखा और महसूस किया था। जा रही थी कि  बार डॉक्टर को एल्फिंस्टन स्टेशन रोड की एक किलोमीटर की दुरी पर देखा गया था, जिसके बाद उनका कोई पता नहीं था। मैनहोल के पास उनका छाता मिला जिससे उनका मैनहोल में गिरने आशंका जताई जा रही थी।

पुलिस ने प्रत्यक्षदर्शियों के बयान के आधार पर डॉक्टर अमरापुरकर की मिसिंग कम्प्लेंट दर्ज की और रात भर लापता डॉक्टर को तलाशने का काम जारी रहा जिसके बाद पुलिस और सुरक्षा एजेंसी उनकी खोज में जुट गए लेकिन उनका कुछ पता न चला।  आखिरकार दो दिन बाद वरली नाले में एक व्यक्ति का शव बरामद हुआ जिसकी कलाई पर राडो कंपनी की घडी थी उसी के आधार पर कथित शव की पुष्टि डॉक्टर अमरापुरकर के रूप में हुई। इस घटना के बाद मेडिकल असोसिएशन ने मुंबई महानगरपालिका पर आरोप मढ़ते हुए बीएमसी कमिश्नर अजोय मेहता को लिखित शिकायत देकर पूरे मामले के जांच की मांग की।  आर्थिक राजधानी मुंबई में 29 अगस्त को मूसलाधार बारिश हुई जिसके चलते मुंबई की रफ़्तार पर पूरी तरह से विराम लग गया।

महज एक दिन में सर्वाधिक बारिश मौसम विभाग ने दर्ज किया जो पिछले 20 साल के रिकॉर्ड को तोड़ चुका था। मौसम विभाग के अनुसार लगभग 298 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गयी। इस भीषण बारिश के चलते मुंबई की लाइफ लाइन कही जाने वाली लोकल ट्रेन सेवा पूरी तरह से ठप्प थी साथ ही हवाई सफर पर भी विराम लग गया था जिसके बाद लाखों की संख्या में लोग अलग-अलग स्थानों पर फंसे हुए थे।  जो जहां था वहीं फंसा रह गया ऐसे में हर उस परिवार को चिंता थी अपने उस सदस्य की जो घर नहीं पहुंच पाया था ऐसे में एक बड़े नामी डॉक्टर की मौत से मेडिकल असोसिएशन में गहमा गहमी मची हुई है।