गोरक्षकों पर सप्रीम कोर्ट का कड़ा आदेश
06 Sep 2017
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ब्यूरो रिपोर्ट / in 24 न्यूज़
बीते दिनों धर्म के नाम पर हुई हिंसा के मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा आदेश सुनाया है,आपको बता दें कि देश भर में पिछले दिनों गोरक्षा के नाम पर हुई हिंसा ने पुरे देश को अंतर्राष्ट्रीय पटल पर शर्मशार किया था. इस मुद्दे पर सदाम में भी पक्ष और विपक्ष में तीखी नोकझोंक भी देखने को मिली थी. जिस पर संज्ञान लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने हर जिले में सीनियर पुलिस ऑफिसर तैनात करने का आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने हर राज्य को प्रत्येक जिले में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी नियुक्त करने के लिए कहा है, ताकि नोडल अधिकारी कथित गोरक्षकों की हिंसा के खिलाफ कार्रवाई कर सके.शीर्ष अदालत ने राज्यों को एक सप्ताह में अपना टास्क फोर्स बनाने के लिए कहा है,
जिसमें वरिष्ठ पुलिसकर्मियों को नोडल अधिकारी के रूप में रखा जाएगा.सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों से कहा है कि वे गाय की रक्षा करने के नाम पर कानून हाथ लेने वाले समूहों को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाए. केंद्र का प्रतिनिधित्व करने वाले एएसजी तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि कानून किसी भी प्रकार की अनियंत्रित घटनाओं को रोकने के लिए है. जवाब में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया दीपक मिश्रा ने कहा 'हम जानते हैं कि कानून हैं, लेकिन क्या कार्रवाई की गई है? आप नियोजित कार्रवाई कर सकते हैं ताकि हिंसा को बढ़ावा ना मिले.
गोरक्षा के नाम पर बने संगठनों पर प्रतिबंध लगाने की मांग को लेकर दायर की गई जनहित याचिका पर 7 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और छह राज्य सरकारों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था. याचिकाकर्ता तहसीन पूनावाला ने राजस्थान के अलवर इलाके में हुई एक घटना का हवाला देते हुए गोरक्षा के नाम पर दलितों और अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रही हिंसा को रोकने की मांग की थी.21 जुलाई को हुई अंतिम सुनवाई के दौरान, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्यों को किसी भी तरह की हिंसा की रक्षा नहीं करने के लिए कहा था और साथ ही गाय सुरक्षा की आड़ में हिंसक घटनाओं पर प्रतिक्रिया मांगी थी.