ब्लैक फ्राइडे में एक जिंदगी की कीमत पांच लाख !
29 Sep 2017
1712
[video width="640" height="352" mp4="/uploads/2017/09/VID-20170929-WA0233.mp4"][/video]
संजय मिश्रा / in24 न्यूज़ / एलफिन्स्टन
जिन मुंबईकरों की आज मौत हुई उन्हें नहीं पता था कि ये उनका आखिरी दिन होगा। कमाल की बात तो ये है कि आनन - फानन में रेलवे ने उनकी जिंदगी की कीमत तय कर दी सिर्फ पांच लाख ! शुक्रवार का दिन मुंबईकरों के लिए ब्लैक फ्राइडे की शक्ल में उभर कर आया और दे गया न भूलने वाली टीस ! किसी ने सपने में भी नहीं सोचा था कि एक ऐसी बारिश आएगी जो अपने साथ कइयों की जिंदगी लेकर चली जाएगी। बारिश से भले ही किसी की जान नहीं गयी लेकिन बारिश के बाद जो अफवाह उठी उसने सब कुछ बर्बाद कर दिया।
आर्थिक राजधानी मुंबई की लाइफ लाइन कही जाने वाली लोकल ट्रेनों में लाखों की संख्या में लोग प्रतिदिन सफर करते हैं। इसी तरह रोज की भांति शुक्रवार की सुबह भी लोग बड़े संख्या में लोकल ट्रेन से उतरे लेकिन उसी समय आ रही बारिश से बचने के लिए लोगों ने उस फुटओवर ब्रिज का सहारा लिया जो वेस्टर्न रेलवे और सेन्ट्रल रेलवे को कनेक्ट करता है।
बारिश के रुकते ही लोगों ने जल्दबाजी में फूटवेयर ब्रिज से निकलने की शुरुवात की लेकिन इसी बीच किसी ने कथित फुटओवर ब्रिज के गिरने की अफवाह फैला दी जिसके बाद जो कुछ भी हुआ उसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी। फुटओवर ब्रिज के गिरने की अफवाह से मौके पर अफरातफरी मच गयी जिसके बाद लोग अपनी जान बचाने के लिए इधरउधर भागने लगे लेकिन कथित ब्रिज के काफी संकरा होने की वजह से किसी का पैर फिसला और एक के ऊपर एक लोगों के गिरने का सिलसिला शुरू हो गया।
भीड़ इतनी ज्यादा थी कि नीचे दबे हुए लोगों ने सांस न ले पाने की स्थिति में मौके पर ही दम तोड़ दिया। जिन्हे भीड़ के निचे दबी हालत में निकाला गया उनकी हालत भी बहुत ज्यादा खराब थी। आनन -फानन में घायलों को केईएम अस्पताल ले जाया गया। मौके पर पहुंची पुलिस और रेलवे के अधिकारीयों-कर्मचारियों ने बचाव और राहत शुरू कर दिया।
आशंका जताई जा रही है कि मृतकों की संख्या और भी बढ़ सकती है इस मामले में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर मृतकों के परिजनों और घायलों के प्रति अपनी संवेदना जताई है। उन्होंने लिखा कि घटना पर उनकी पूरी नजर बनी हुई है रेल मंत्री पीयूष गोयल फिलहाल मुंबई में ही हैं और हर संभव मदद दे रहे हैं। दूसरी ओर रेल मंत्री ने घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं। वही महाराष्ट्र के मंत्री हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों को 5 लाख रुपये मुआवजा देने का ऐलान किया है। कुलमिलाकर मुंबई के एलफिस्टन फुट ओवर ब्रिज पर हुए हादसे में बड़े पैमाने पर जानमाल हुआ और बड़ी संख्या में लोग घायल हुए लेकिन सवाल वही कि मुंबई में जिस तरीके से जनसंख्या बढ़ रही है उस तरीके से बुनियादी ढांचे में बदलाव क्यों नहीं किया जा रहा ? आखिर क्यों किसी घटना या हादसे के बाद ही प्रशासन हरकत में आता है उससे पहले क्यों नहीं ? क्या रुपये से तौल कर किसी की जिंदगी वापस लौटाई जा सकती है ?