संजय मिश्रा / in24 न्यूज़
पांच दिवसीय दीपावली के त्योहार के पहले दिन मंगलवार को धनतेरस मनाया जायेगा। सुख एवं समृद्ध के भगवान धनतेस की पूजा के साथ-साथ सोने चांदी तथा धातु के बने सामान खरीदने की परंपरा को देखते हुए शहर के स्वर्ण आभूषण तथा बर्तन के अलावा विभिन्न इलेक्ट्रानिक्स सामग्रियों की दुकानें सजाई गई हैं एवं ग्राहकों को लुभाने के लिए छूट, उपहार देने के साथ-साथ विभिन्न तरीके भी अपनाये जा रहे हैं। इस साल शहर में पांच करोड़ से अधिक के आभूषण का कारोबार होने का अनुमान है। सोमवार को प्रति दस ग्राम 22 कैरेट सोने का दाम 25,000 रुपये, 916 हॉलमार्क 28,500 रुपये तथा चांदी 410 रुपये रहा।
मंगलवार को धनतेरस पर भी करीब यही दाम रहेगा। सोने चांदी के सिक्के, आभूषण के अलावा मूर्तियां भी खरीदी जाती है इस कारण दुकानदार ग्राहकों को लुभाने के लिए मे¨कग चार्ज पर विशेष छूट दे रहे हैं। कई दुकानदार तो मे¨कग चार्ज के बिना ही सोना देने को तैयार हैं। इसी शहर के विभिन्न बाजारों में बर्तनों की दुकानों में विशेष तैयारियां की गई हैं। मेन रोड तथा पुराना स्टेशन रोड में कांसा, पीतल, अल्युमीनियम, स्टील बर्तन की दुकानें सजी हैं। धनतेरस पर लोहे की आलमारी, रैक एवं घर में उपयोग आने वाले सामानों इसके अलावा इलेक्ट्रानिक सामग्रियों की दुकानें भी सजायी गई हैं।
इस मौके पर टीवी, फ्रीज, वा¨शग मशीन, साइकिल, मोटरसाइकिल, समेत अन्य सामान की बिक्री अधिक होने के कारण दुकानदार ग्राहकों की पसंद वाले सामानों का पर्याप्त स्टॉक रखे हैं। धनतेरस पर क्या है परंपरा : धनतेरस पर नये सामान खरीदने की परंपरा काफी पुरानी है। ऐसी मान्यता है कि भगवान धनवंतरी जब समुद्र मंथन से उत्पन्न हुए थे तब उनके हाथ में अमृत से भरा एक कलश था। इसलिए लोग इस दिन धातु से बना सामान लेते हैं ताकि इसके साथ ही परिवार में समृद्धि आये। इस दिन खरीददारी पर 13 गुणा बढ़ोतरी होने की बात कही जाती है।
धरतेरस पर न हों ठगी का शिकार : राउरकेला ज्वेलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष जय¨हदलाल साहू ने ग्राहकों से अपील की है कि धनतेरस पर ठगी का शिकार न हों। सोने के आभूषण या अन्य सामान खरीदने के दौरान पांच सबल वाले हॉलमार्क पर अवश्य ध्यान दें। सस्ते सामान व ऑफर पर न जायें एवं सही सामान सही जगह से ही खरीदें। धन्वंतरि दिवस यानि धनतेरस के दिन को धन अर्जित करने वाला शुभ दिवस माना जाता है। इस दिवस पर सोने एवं चांदी के जेवरात, सम्पत्ति, भूमि एवं बर्तन खरीदने की प्राचीन परम्परा है, जो आज भी कायम है।
लोक मान्यता है कि धनतेरस के दिन घर में लक्ष्मी का प्रवेश होता है। धनतेरस पर सोना, चाँदी के जेवरात, सम्पत्ति, भूमि एवं बर्तन खरीदने की प्राचीन परम्परा है, अब फर्क इतना आया है कि पहले सालभर के लिए खरीददारी होती थी। अब रस्म अदायगी के लिए खरीददारी करते हैं। धीरे-धीरे यह परम्परा का आधुनिकीकरण होता जा रहा है। आधुनिक युग में अब गरीब से धनवान तक सभी इस दिवस को अपने-अपने अंदाज में मनाने की कोशिश करते है। धनतेरस पर हर लोग अपनी क्षमता के अनुसार खरीददारी करते है। कोई बर्तन खरीदने में विश्वास रखता है, तो कोई आभूषण, मकान, वाहन एवं भूमि खरीदता है। यानि कुछ भी खरीददारी हो जाये।
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