ब्यूरो रिपोर्ट / in24 न्यूज़
अब देवाधि देव महादेव यानि बाबा महाकाल के शिवलिंग का अभिषेक RO के पानी से किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने चढ़ावे से शिवलिंग का आकार छोटा (क्षरण) होने को लेकर दायर याचिका पर यह आदेश दिया। इसके पहले एक्सपर्ट्स की एक कमेटी ने ज्योतिर्लिंग की जांच कर पंचामृत की क्वांटिटी तय करने की सिफारिश कोर्ट से की थी। गौरतलब है कि महाकाल शिवलिंग के क्षरण को लेकर कोर्ट में एक दायर याचिका दायर की गई है। याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर पुरातत्व विभाग, भूवैज्ञानिकों और अन्य विशेषज्ञों की एक टीम ने महाकाल का दौरा किया था।
टीम ने यहां पर शिवलिंग, पानी, फूल, दूध सहित अन्य सभी जरूरी वस्तुओं की जानकारी लेते हुए कुछ सैंपल भी जुटाए थे। टीम ने जांच रिपोर्ट सौंपते हुए अभिषेक सामग्री की क्वांटिटी को लेकर कुछ सुझाव दिए थे। कोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई करते हुए आदेश दिए कि महाकाल ज्योतिर्लिंग का जलाभिषेक अब आरओ वॉटर से किया जाए। कोर्ट ने पानी की मात्रा तय करते हुए कहा कि अब भक्त आधा लीटर पानी ही ले जा पाएंगे। वहीं कोर्ट ने दुग्धाभिषेक के लिए 1.25 लीटर की मात्रा तय कर दी है। उज्जैन के ज्योतिर्लिंग के क्षरण की बात पहले भी सामने आती रही है, लेकिन कमेटी की रिपोर्ट में पहली बार इस बात की पुष्टि हुई है कि नुकसान हो रहा है।
पुजारी प्रदीप गुरु के मुताबिक, सुबह पंचामृत से अभिषेक होता है। फिर जलाभिषेक और भस्म आरती। रात तक 4 बार अभिषेक होता है। श्रद्धालु दिनभर में कई बार पंचामृत चढ़ाते हैं। भांग से श्रृंगार होता है। देश में 12 में से 7 ज्योतिर्लिंग पर श्रद्धालु दूध-पंचामृत से अभिषेक नहीं कर सकता। इनमें ओंकारेश्वर, घृष्णेश्वर, त्र्यंबकेश्वर, भीमाशंकर, मल्लिकार्जुन, केदारनाथ और सोमनाथ शामिल हैं। यहां एक तय क्वांटिटी में पुजारी ही अभिषेक कर सकता है। बाकी 5 में से 3 ज्योतिर्लिंग काशी विश्वनाथ, रामेश्वरम और नागेश्वर में रोक तो नहीं है, लेकिन क्षरण न हो इसके लिए सावधानी भी बरती जा रही है।
वैसे महाकाल शिवलिंग का जलाभिषेक होना चाहिए या नहीं और कितनी मात्रा में हो इस पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को फैसला सुनाया। इससे पहले इस पर फैसला होना था कि अभिषेक के लिए पंचामृत (दूध, दही, शहद, शक्कर और घी) से अभिषेक हो या नहीं और कितनी मात्रा में हो। दरअसल, चढ़ावे से शिवलिंग के आकर का छोटा (क्षरण) होने के चलते कोर्ट में याचिका दायर की गयी थी इसके बाद जांच के लिए एएसआई की कमिटी सर्वे के लिए गयी थी।
इससे पहले एक रिपोर्ट सामने आयी थी जिसके मुताबिक देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक महाकालेश्वर के शिवलिंग को खतरा है। ये रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को भी सौंपी गयी। ऐसा बताया जा रहा था कि उज्जैन के महाकाल की गंगाजल से ही नहीं दूध, दही, शहद, चीनी इत्यादि से भी परहेज करने की जरुरत है। ये तमाम बातें पुरातत्व विभाग की टीम ने सुप्रीम कोर्ट को सौंपी अपनी एक रिपोर्ट में कही है।