2022 तक न्यू इंडिया का संकल्प: नीति आयोग  

 04 Nov 2017  1442

ब्यूरो रिपोर्ट/in24 न्यूज़

भारत सरकार के थिंक टैंक माने जाने वाली नीति आयोग ने 2022 तक एक ऐसे भारत की भविष्यवाणी की है, जो गरीबी, गंदगी, भ्रष्टाचार, आतंकवाद, जातिवाद और सांप्रदायिकतावाद से मुक्त होगी। नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने शनिवार को दिल्ली में न्यू इंडिया ऐट 2022 का एक डॉक्यूमेंट पेश किया, जिसमें न्यू इंडिया की परिकल्पना की गई है। इस डॉक्यूमेंट में यह अनुमान लगाया गया है कि अगर भारत आठ फीसदी विकास दर को बनाए रखता है तो 2047 तक दुनिया की टॉप तीन अर्थव्यवस्था देशो में शामिल हो जाएगा।

 

नीति आयोग ने 2022 तक कुपोषण मुक्त भारत के सपने को पूरा करने का अनुमान लगाया और साथ ही यह दावा भी किया है कि 2019 तक प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत देश के हर गांव को सड़क से जोड़ा जाएगा और इतना ही नहीं, 2022 तक भारत में 20 से ज्यादा ऐसे उच्च शिक्षण संस्थान हो जाएंगे जो विश्व स्तरीय सुविधाओं से लैस होंगे।

आपको बता दे कि पिछले सप्ताह विश्वबैंक की ओर से जारी रिपोर्ट के मुताबिक भारत में कारोबार करने के हालात सुधरे हैं और फिलहाल कारोबार करने में सुगमता के आधार पर बनाई गई रिपोर्ट में भारत की रैंकिंग 30 पायदान सुधरकर 100वें स्थान पर पहुंच गयी। इससे उत्साहित सरकार ने सुधारों को आगे बढ़ाने का संकल्प दोहराया जिससे देश आने वाले वर्ष में कारोबार सुगमता के मामले में शीर्ष 50 देशों में शामिल हो सकता है। नरेंद्र मोदी सरकार के 2014 में सत्ता में आने के समय भारत की रैंकिंग 142 थी, जबकि 2016 में यह बढ़कर 130 हुई और इस वर्ष भारत एकमात्र बड़ा देश है जिसने कराधान, निर्माण परमिट, निवेशक संरक्षण और ऋण शोधन के लिये उठाये गये कदम के दम पर यह बड़ी उपलब्धि हासिल की।

विश्व बैंक ने कहा कि इस साल के आकलन में भारत शीर्ष 10 सुधारकर्ता देशों में से एक है। कारोबार सुगमता के 10 संकेतकों में से आठ में सुधारों को क्रियान्वित किया गया और यह पहला मौका है जब भारत इस मामले में पहले 100 देशों में शामिल हुआ है। इस बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सरकार सुधार, निष्पादन और रूपांतरण के मंत्र के साथ रैंकिंग में और सुधार तथा आर्थिक वृद्धि में तेजी लाने को प्रतिबद्ध है इसके साथ ही उन्होंने कारोबार सुगमता में भारत की रैंकिंग में उछाल की सराहना की और बताया कि यह चौतरफा तथा विविध क्षेत्रों में किये गये सुधारों का नतीजा है।