संवाददाता/in24 न्यूज़
इस समय आधी दुनिया को घरेलू गैस की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है. आने वाले दिनों में इसका असर भारत पर भी पड़ सकता है. अगर गैस की आपूर्ति को बहाल नहीं किया गया तो देश में गैस की कीमत (domestic gas prices) दोगुनी हो सकती है। यही नहीं बताया जा रहा है कि इसका असर सीएनजी (CNG), पीएनजी (PNG) और बिजली की कीमतों पर भी पड़ सकती है। साथ ही सरकार का फर्टिलाइजर सब्सिडी बिल (fertilizer subsidy bill) भी बढ़ जाएगा। इसका असर अप्रैल महीने में देखने को मिलेगा जब सरकार नेचुरल गैस की घरेलू कीमतों में बदलाव करेगी।
देश में घरेलू नेचुरल गैस यानी एलपीजी की कीमतें हर साल अप्रैल और अक्टूबर में तय होती हैं। अप्रैल की कीमत जनवरी से दिसंबर 2021 की अंतरराष्ट्रीय कीमतों पर आधारित होगी।
इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर एके जेना के मुताबिक घरेलू नेचुरल गैस की कीमत में एक डॉलर की तेजी होने पर सीएनजी की कीमत 4.5 रुपये प्रति किलो बढ़ जाएगी। इसकी मतलब है कि सीएनजी की कीमत में 15 रुपये प्रति किलो बढ़ सकती है।
जैसे-जैसे ग्लोबल इकॉनमी कोरोना के संक्रमण से बाहर आ रही है वैसे वैसे एनर्जी की मांग भी बढ़ रही है। पिछले साल कोरोना की वजह से गैस की सप्लाई को बढ़ाने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाए गए थे, यही वजह है कि गैस की कीमत में काफी तेजी आई है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एलएनजी (LNG) के लिए ज्यादा घरेलू इंडस्ट्रीज पहली से ही अधिक कीमत चुका रही है। क्योंकि लॉन्ग टर्म कॉन्ट्रैक्ट्स की कीमत कच्चे तेल से जुड़ी हुई हैं। उन्होंने स्पॉट मार्केट से खरीदारी कम कर दी है जहां कई महीनों के कीमत में आग लगी हुई है।
इंडस्ट्री के जानकारों की मानें तो इसे 2.9 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू से बढ़ाकर 6 से 7 डॉलर किया जा सकता है। रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) के मुताबिक गहरे समुद्र से निकलने वाली गैस की कीमत 6.13 डॉलर से बढ़कर करीब 10 डॉलर हो जाएगी। कंपनी अगले महीने कुछ गैस की नीलामी करेगी। उसने इसके लिए फ्लोर प्राइस को क्रूड ऑयल से जोड़ा है जो अभी 14 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू है।