दिल्ली में जहरीली कोहरे का कहर, स्कूलों में हो सकती है छुट्टी
07 Nov 2017
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ब्यूरो रिपोर्ट / in24 न्यूज़
दिल्ली में मंगलवार तड़के कोहरे की घनी धुंध ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया और इसी के मद्देनजर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शिक्षामंत्री मनीष सिसोदिया से स्कूलों को बंद करने पर विचार करने के लिए कहा है। प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए केंद्रीय पर्यावरण मंत्री महेश शर्मा ने आपात बैठक बुलाई है और वे चार बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस कर स्थिति की जानकारी देंगे और प्रदूषण से बचने के उपाय बताएंगे। आपको बता दें कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने दिल्ली में हेल्थ इमरजेंसी का एलान करते हुए कहा कि बच्चों, बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर ना निकलने की सलाह दी है और स्कूल मेराथन कैंसिल करने की भी सिफारिश है। दिल्ली एनसीआर में जहरीली धुंध के मुद्दे पर एनजीटी ने नाराजगी जताई है।
एनजीटी ने दिल्ली के अलावा यूपी, हरियाणा और पंजाब सरकार से पूछा है कि इसे रोकने के लिए सरकार ने क्या ठोस कदम उठाये। एनजीटी ने पूछा कि हालात इससे ज्यादा बदतर ना हों इसके लिए क्या कार्रवाई की जायेगी। बहरहाल एनजीटी में मामले की अलगी सुनवाई दो दिन बाद होगी। सीपीसीबी की वायु प्रयोगशाला के प्रमुख दीपांकर साहा ने कहा, पूरी तरह शांत स्थिति और हवा के बिल्कुल नहीं बहने की वजह से ऐसी स्थिति हुई है और जबकि पड़ोसी राज्यों जैसे पंजाब और हरियाणा से अभी शहर में हवा नहीं आ रही है, लेकिन जब दोनों राज्यों से हवा आनी शुरू होगी तो हालात और बिगड़ेंगे। गौरतलब है कि पंजाब और हरियाणा में धड़ल्ले से धान की पराली जलाई जा रही है।
आसमान में छाई इस जहरीली सफ़ेद चादर में कार्बनडाइ ऑक्साइड, कार्बनमोनो ऑक्साइड, सल्फरडाइ ऑक्साइड का मिक्स्चर होता है जो काफी हानिकारक गैस है और ठंड की वजह से ये सारी गैस ऊपर उड़ने के बजाय जमीन के पास ही रहती है, जो हमारे फेफड़ों के लिए बहुत हानिकारक है और इसकी वजह से हमारे शरीर में ऑक्सीज़न की कमी हो सकती है, जिससे फेफड़ों के साथ-साथ दिल पर भी बहुत असर पड़ता है। डॉक्टरों का कहना है कि धुंध अगर वातावरण में छाई रही तो दिल के मरीज, दमे के मरीजों के लिए जानलेवा भी हो सकती है और सबसे बड़ी बात तो यह है की जो व्यक्ति धूम्रपान भी नहीं करता उसके शरीर में बी 20 से 30 सिगरेट पीने से जाने वाला धुआं धुंध से जा रहा है। डॉक्टर के अनुसार इससे बचाव के लिए धुंध वाले वातावरण में ना जाएं, अगर जाएं तो मास्क लगाकर जाएँ. सबसे ज्यादा बच्चे और बुजुर्ग जो सुबह सैर के लिए जाते है वो सुबह की बजाय शाम को जाएँ जब मौसम साफ हो तब जाएं और मौसम विभाग और सरकार के दिशा निर्देशों का पालन करें।