नोटबंदी को एक साल पूरे ,जानिये इसके कुछ प्रभाव

 08 Nov 2017  1204
  ब्यूरो रिपोर्ट / in24 न्यूज़

8 नवंबर 2017 को नोटबंदी को एक साल पूरा हो चुका है, इस बात पर चर्चा भी गरम है कि आखिर देश को इससे क्या हासिल हुआ। सरकार ने नोटबंदी करते समय कालाधन, नकली करंसी, आतंकवाद और कैशलेस इकोनॉमी को बढ़ावा देना सबसे बड़ी वजह बताया था। नोटबंदी से जुड़े कुछ प्रभाव पर गौर करते है, नोटबंदी  के बाद होम लोन की ब्याज दरों में 3% तक की गिरावट आई। कैपिटल सिंडिकेट के मैनेजिंग पार्टनर सुब्रमण्यम पशुपति ने बताया कि नोटबंदी से होम लोन सस्‍ता करने में बड़ी मदद मिली है और नोटबंदी की वजह से बैंकों में काफी बड़ी मात्रा में डिपॉजिट आया है। इसका फायदा बैंकों ने आम आदमी को सस्‍ते कर्ज के तौर पर दिया है इससे यह साबित होता है कि पिछले साल के मुकाबले इस साल हाउसिंग दरों में 3 फीसदी तक कमी आई है क्योंकि पिछले साल ये दरें जहां 10.5 फीसदी से लेकर 12 फीसदी तक थीं, अब ये 8 से 9 फीसदी पर आ गई हैं।

आपको बता दे कि 2016 में महंगाई दर 3.63% थी जो जुलाई 2017 में घटकर 2.36% पर आ गई। सुब्रमण्यम पशुपति बताते हैं कि अवैध पैसे को खपाने के लिए फिजूलखर्ची बड़े स्‍तर पर की जाती है और इसकी वजह से सामान की कीमतें बढ़ती हैं। नोटबंदी के चलते कुछ हद तक यह पैसा सिस्‍टम में वापस आया है और सरकार की तरफ से लगातार संदिग्‍ध ट्रांजैक्‍शन पर नजर रखी गई, इसकी वजह से इन खातों में ट्रांजैक्‍शन की काफी कमी आई और इसका फायदा महंगाई दर घटने के रूप में मिला. नवंबर, 2016 में महंगाई दर 3.63 फीसदी थी. वह जुलाई 2017 में घटकर 2.36 फीसदी पर आ गई।

नोटबंदी के चलते कैशलेश ट्रांजैक्‍शन बढ़ने में काफी मदद मिली है, क्योंकि नोटबंदी के दौरान कैश की किल्‍लत होने से न सिर्फ लोगों ने ज्‍यादा डिजिटल ट्रांजैक्‍शन किए, बल्कि सरकार की तरफ से भी इसके प्रोत्‍साहन के लिए काफी कदम उठाए गए। अक्टूबर में देश में कैशलेस ट्रांजैक्शन ऑलटाइम हाई पर पहुंच गया है और  इसकी सबसे बड़ी वजह इस बार दिवाली सीजन में लोगों द्वारा डेबिट, क्रेडिट, मोबाइल बैंकिंग से लेकर दूसरे कैशलेस ट्रांजैक्शन के जरिए खरीदारी है। अगर ऐसा जारी रहा तो इस महीने देश में कैशलेस ट्रांजैक्शन का नंबर 96 करोड़ को पार कर जाएगा। इसके पहले नोटबंदी के ऐलान के ठीक बाद दिसंबर 2016 में 95.7 करोड़ ट्रांजैक्शन हुए थे। हालांकि पीएम मोदी की वेबसाइट पर ये आंकड़ा 87 करोड़ से बढ़कर 137 करोड़ बताया गया है।
नोटबंदी  की वजह से काला धन पर काफी हद तक मार पड़ी है क्योंकि अब तक 1626 करोड़ की बेनामी संपत्ति ज़ब्त हुई और 22.23 लाख अकाउंट्स को नोटिस मिला।  यह बात वित्त मंत्री ने अपने भाषणों में बताई कि नोटबंदी का अच्छा परिणाम ये रहा कि करीब 18 लाख संदिग्ध खातों की पहचान हो चुकी है और 2.89 लाख करोड़ रुपए जांच के दायरे में हैं। इसके अलावा एडवांस डेटा ऐनालिटिक्स के जरिए 5.56 लाख नए मामलों की जांच की जा रही है और साथ ही साढ़े चार लाख से ज्यादा संदिग्ध ट्रांजैक्शन पकड़े गए हैं, इसके आलावा नोटबंदी के बाद से टैक्स सिस्टम से 56 लाख नए करदाता जुड़े हैं जबकि 2.1 लाख फर्जी कंपनियों का रजिस्ट्रेशन कैंसल कर दिया गया।