मुंबई मेट्रो-3 लाइन देश की सबसे सुरक्षित मेट्रो सेवा: एमएमआरसीएल

 14 Nov 2017  1280
ब्युरो रिपोर्ट/ in24 न्यूज़ 

मुंबई महानगर की पहली अंडरग्राउंड मेट्रो से यात्रा करना बेहद सुरक्षित साबित होगा क्योंकि यात्री का ट्रैक से संपर्क नहीं होगा, ये कहना है मुंबई मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लि. (एमएमआरसीएल) का, एमएमआरसीएल इसके लिए यात्री और ट्रेन के बीच कांच की पारदर्शी दीवार बनाएगा जिससे यात्री ट्रैक पर नहीं जा सकेंगे और ट्रैक पर रेल की चपेट में आकर होनेवाली संभावित दुर्घटना से बचा जा सकेगा।

   

आपको बता दें कि मुंबई महानगर भूमिगत मेट्रो लाइन-3 जो कोलाबा-बांद्रा-सीप्ज के बीच दौड़ेगी और उसका निर्माण कार्य जोरों-शोरों पर जारी है। एमएमआरसीएल मेट्रो-3 लाइन की यात्रियों के लिए सफर को सबसे सुरक्षित बनाने पर काम कर रहा है। इसलिए वह मेट्रो-3 के लिए विश्व की सबसे बेहतर तकनीकों का उपयोग मेट्रो-3 के परिचालन और निर्माण में कर रहा है। चाहे वह टीबीएम मशीनों का इस्तेमाल हो या फिर ऑटोमैटिक टिकट सिस्टम हो या बिना मोटरमैन के ट्रेन का परिचालन करना। इन सबके लिहाज से एमएमआरसीएल प्रबंधन मेट्रो-3 को देश की सबसे सुरक्षित मेट्रो लाइन पर काम कर रहा। एमएमआरसीएल की प्रबंध निर्देशक अश्विनी भिड़े ने बताया कि मेट्रो-3 मुंबई महानगर के यातायात की परिभाषा बदल देगी। यात्रियों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है और इसके लिए हम लगातार कोशिश कर रहे हैं। मेट्रो-3 में यात्री चाह कर भी ट्रैक पर नहीं जा सकेंगे। क्योंकि यात्रियों और ट्रेन के बीच हम कांच की दीवार बनाएगे, जो ट्रेन के सेंसर सिस्टम के साथ जुड़ी होगी। यात्री प्लैटफॉर्म पर जब पहुंचेंगे तो वह सीधे ट्रैक के नजदीक नहीं जा पाएंगे और जब ट्रेन प्लैटफॉर्म पर आएगी, तो उसके सेंसर सिस्टम से कांच की दीवार खुलेगी। इसके बाद यात्री ट्रेन में सवार होंगे और ट्रेन के जाते ही यह दीवार पूरी तरह वापस बंद हो जाएगी। हर साल औसतन 3250 लोगों की मौत रेल हादसे में हो जाती है। इसमें ज्यादातर घटनाएं ट्रेन आने से पहले ही ट्रैक के पास यात्री के पहुंचने से होती हैं। इसके अलावा कोलकाता और दिल्ली मेट्रो में भी कई घटनाओं में यात्री के ट्रैन की चपेट में आने से मौत हुई है। इसलिए ऐसे हादसों को रोकने के लिए यह नया सिस्टम कामयाब साबित होगा साथ ही, कई बार यात्री मेट्रो ट्रैक थूक कर और बोतल फेंक कर पटरियों को गन्दा कर देते है, लेकिन इस आधुनिक सिस्टम से ऐसा करना संभव नहीं होगा। आपको बता दे कि मुंबई मेट्रो-3 के कुल 27 स्टेशन मौजूद है और सभी स्टेशनों के सभी प्लैटफॉर्म पर कांच की दीवारें बनाई जाएंगी। इसके लिए एमएमआरसीएल को करोड़ों रुपये खर्च करने पड़ेंगे। हालांकि इसकी लागत अब तक तय नहीं हो पाई है, लेकिन जनवरी 2018 तक टेंडर द्वारा यह सुनिश्चित किया जाएगा कि निर्माण कार्य करने का ठेका किसे मिलेगा।