बेस्ट को चाहिए सरकार का आर्थिक धक्का
05 Dec 2017
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सौम्य सिंह/in24 न्यूज़
मुंबई की दूसरी लाइफलाइन बेस्ट की हालत फिलहाल खस्ता है। आपको बता दें कि पिछले कई समय से बेस्ट नुकसान में चल रही हैं जिसका प्रमुख कारण शहर में निजी वाहनों की संख्या में इज़ाफ़ा होना है। यदि बेस्ट को सरकार की तरफ से आर्थिक सहायता मिले तो हो सकता है कि बेस्ट का भविष्य सुनहरा हो। गौरतलब है कि बेस्ट के घाटे का सफर 2003 से ही चल रहा है।
पिछले 15 वर्षो में मुंबई में निजी वाहनों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि हुई जिसकी वजह से बेस्ट को घाटा झेलना पड़ रहा है। मुंबई की बात की जाए तो यहां 30 लाख वाहन पंजीकृत है जिसमे 17.71 लाख दुपहिया और 9.98 लाख निजी कारें शामिल है। टैक्सी ,कैब, मोनोरेल,मेट्रो आने के बाद मुसाफिर बेस्ट में सफर कम करने लगे।
शहर में आद्योगिक विकास बीते 15 वर्षो में काफी हुआ लेकिन बेस्ट ने अपने कार्यप्रणाली में कोई बदलाव नहीं किया। आज भी देखा जाए तो कई बेस्ट बसों की हालत खस्ता है। आकड़ो के मुताबिक़ बेस्ट बसों का उपयोग निर्माण कार्य क्षेत्र में 220 किमी से घटकर 188 हो गया और जब तक प्रशासन की इस विषय में आँख खुलती तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
बेस्ट की घाटे की वजह राजनितिक हस्तक्षेप भी बनी मसलन जब बेस्ट को 300 बसों की आवयश्कता थी तब प्रशासन ने महज़ 185 बसें मुहैया कराई और इतना ही नहीं बल्कि बेस्ट कर्मचारियों की दिवाली बोनस के लिए भी बेस्ट को प्रशासन के सामने अपनी झोली फैलानी पड़ी।