महंगाई पर लगाम लगने के आसार बढ़े : आरबीआई
15 Jun 2022
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संवाददाता/in24 न्यूज़.
बढ़ती महंगाई से परेशान लोगों के लिए राहत वाली खबर है। भारत में महंगाई पिछले कुछ महीनों से जोरों पर है। इसके बावजूद एसबीआई की एक रिपोर्ट का कहना है कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) महंगाई काबू करने के मामले में काफी आगे रहा है। वहीं, जानकार आश्वस्त हैं कि आरबीई अगस्त और अक्टूबर में मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो रेट बढ़ाएगा, जबकि रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि महंगाई के अब इस स्तर से ऊपर जाने के आसार नहीं हैं। एसबीआई की रिपोर्ट के अनुसार ऐसा लगता है कि महंगाई दर अपने उच्च स्तर पर पहुंच चुकी है। गौरतलब है कि खुदरा मुद्रास्फीति अप्रैल में करीब 8 साल के उच्च स्तर 7.79 फीसदी पर पहुंच गई थी। हालांकि, मई में यह कुछ नरम होकर 7.04 फीसदी पर आ गई। रिपोर्ट के मुताबिक, मुख्य (कोर) मुद्रास्फीति भी मई में नरम पड़कर 6.09 फीसदी रही, जो अप्रैल में 6.97 फीसदी थी। इसमें 2022-23 में औसत महंगाई दर 6.7 फीसदी रहने का अनुमान जताया गया है। एसबीआई के ग्रुप चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर सौम्य कांति घोष के मुताबिक आरबीआई मुद्रास्फीति को काबू में लाने के लिए काफी आगे है और फेडरल रिजर्व (अमेरिकी केंद्रीय बैंक) अमेरिका में मुद्रास्फीति को काबू में करने के लिए रिजर्व बैंक के मॉडल को अपना सकता है। दरअसल, ऐसी चर्चाएं सामने आ रहीं थीं कि आरबीआई महंगाई काबू करने में पिछड़ गया है। बता दें कि अमेरिका में महंगाई दर मई में चार दशक के उच्च स्तर 8.6 प्रतिशत पर पहुंच गई है। रिपोर्ट के मुताबिक, ऐसा अनुमान है कि आरबीआई अगस्त में मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो रेट में वृद्धि कर सकता है। जिसकी वजह से जून में मुद्रास्फीति 7 फीसदी से ऊपर रह सकती है। इसके बाद अक्टूबर में भी रेपो रेट में वृद्धि की जा सकती है जिससे नीतिगत दर महामारी-पूर्व स्तर 5.5 प्रतिशत से ऊपर निकल सकती है। फिलहाल इससे रेपो रेट 4.9 प्रतिशत पर पहुंच गई है। आरबीआई ने पिछले 1 महीने में 2 बार रेपो रेट बढ़ाया है। रिजर्व बैंक ने इस महीने मौद्रिक नीति समीक्षा में चालू वित्त वर्ष के लिये मुद्रास्फीति के अनुमान को 5.7 फीसदी से बढ़ाकर 6.7 फीसदी कर दिया है जो एसबीआई की रिपोर्ट में अनुमानित दर के समान है। बता दें कि महंगाई का सामना करनेवाले लोगों को इंतज़ार है कि सरकार उनकी परेशानी जल्द दूर करे।