घरेलू हिंसा से 49 फीसदी महिला संतुष्ट: नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे
25 Jan 2018
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सौम्य सिंह/in24 न्यूज़
घरेलू हिंसा का मामला हमारे देश में कोई नई बात नहीं है। इसकी शिकार सैकड़ों महिलाएं आज भी घर की चारदीवारी में अपने आंसुओं कोआखों में छिपाए कैद हैं और मजबूरी की ज़िंदगी जीने को अभिशप्त हैं। लेकिन इस मामले में एक हैरान करने वाली खबर सामने आई है।
आपको बता दें कि नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे साल 2015-2016 हिंसा को लेकर एक चौंका देने वाला आंकड़ा सामने आया है। यह आंकड़ा है उन महिलाओं का जो एक मर्द के हाथों उसकी पत्नी को मारे-पीटे जाने को गलत नहीं मानतीं।
यह संख्या कम नहीं बल्कि सर्वे में शामिल लोगों की 49 फीसदी है। सर्वे के दौरान कई महिलाओं ने माना कि अगर वे अपने पति की बात नहीं मानेंगी तो वो उन्हें पीटेगा ही। महिलाओं का मानना है कि अगर पति घर के काम न करने पर, बच्चों का ध्यान नहीं रखने पर या शारीरिक संबंध बनाने से मना करने पर मारता है तो इसमें कुछ गलत नहीं है।
कुल 3672 महिलाओं में से लगभग 75 प्रतिशत औरतों ने बताया कि शराब पीने की वजह से पति गुस्से में आकर उन पर हाथ उठाते हैं। केवल 16 फीसदी महिलाओं के पति केवल चाय पीते थे। फिर भी वे अपनी पत्नियों पर हाथ उठाते थे। सर्वे में यह बात सामने आई है कि 20 प्रतिशत महिलाओं को उनके पति उन्हें थप्पड़ मारते हैं।
हताश करने वाली एक और बात यह सामने आई है कि पति और ससुराल के लोगों द्वारा मानसिक, भावनात्मक, शारीरिक और यौन प्रताड़ना के बाद भी केवल 9 प्रतिशत महिलाएं मदद का सहारा लेती हैं। यह सर्वे महाराष्ट्र में 15 से 49 साल की उम्र की 4,658 महिलाओं और 4,497 पुरुषों के साथ किया गया था। बहरहाल आज के युग में भी महिला पर हाथ उठाने को शान माना जाता है और इसे मर्दानगी मानी जाती है। ऐसे में महिलाओं की ऐसी प्रतिक्रिया घरेलू हिंसा को बढ़ावा देती है, क्योंकि नारी सम्मान इंसान का बेहतर चरित्र दर्शाता है।