आम और ख़ास आदमी की निगाहें इस बजट पर 

 30 Jan 2018  1179

 

सौम्य सिंह/in24 न्यूज़ 

संसद में बजट सत्र शुरू हो गया है और बजट के लिए देशवासी बेसब्री से इंतज़ार कर रहा है। सरकार आम और खास का ख्याल रखेगी या नहीं ,बजट महगाई के गर्त  धकेलेगी या आम आदमी को राहत मिलेगी फिलहाल लोग इसी उधेड़ बूंद में है लेकीन जबतक सरकारी बजट का पिटारा नहीं खुलता तब तक इंतजार करना होगा तब तक यह सवाल हर किसी के ज़हन में बैचनी पैदा करता रहेगा। 

इसी विषय पर जब आम और खास आदमी से बात की गयी  तो लोगों ने अपनी मायूसी जाहिर करते हुए अपनीर प्रतिक्रिया दी साथ ही सरकार से राहत की गुजारिश की कि ,इस बजट को आम आदमी को ध्यान में रख कर बनाया जाता है तो देश के 75 प्रतिशत जनता को राहत अवश्य मिलेगी। सबसे पहले in24 न्यूज़ की टीम टैक्सी ड्रिवेरों के पास पहुंची तो उन्होंने अपना दुःख दर्द जाहिर करते हुए बताया कि हम सब का कारोबार मुश्किल से चल रहा है सरकार कुछ इस तरह की बजट लाये ताकि सब के घर का चूल्हा जल सके। 

वही जब स्वर्णकारों से बात की गई तब उनका यही कहना था के हमारा कारोबार अब 25 प्रतिसत रह गया है जी एस टी की वजह से काफी दिक्कत है सरकार इसमें टैक्स कम लेना चाहिए। वही एक गृहणी का कहना था के गैस और रोज मर्रा के इस्तेमाल में आने वाली दूध तक की किमतो को बढ़ा दिया गया ऐसे में सरकार से क्या उम्मीद की जाए। शिक्षा हर किसी के लिए जरूरत है ऐसे में सवाल उठता है कि सरकार शिक्षा के नजरिये से इस बजट में क्या ला सकती है।

इस मसले पर जब  एक स्टूडेंट से बात की गई तब उसका यह कहना था के सरकार को उन कॉलेज पर भी नकेल कसना चाहिए जो मुहमांगा डोनेशन मांगते है जिसके वजह से आम आदमी से शिक्षा दूर होता जा रहा है। वही पैरेंटस का कहना था के सरकार बेहतर काम कर रही है सरकार से लोगो को काफी उम्मीदे है बजट के बाद पता चलेगा के सरकार किसको धयान में रख कर बजट पेश करती है। 

रियल एस्टेट का व्यवसाय ठंडा पड़ा है ऐसे में बिल्डरों की चिंता दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है। इस मसले पर बिल्डर लॉबी का कहना है के बहुत सी मांगे है सरकार से अगर दुनिया भर के कायदे में बिल्डरों को कैद कर रहे है तो उन्हें कुछ छूट भी मिलनी चाहिए ताकी आम आदमी को सस्ते दर पर मकान मिल सके। कुलमिलाकर यू कहना होगा के सरकार से जनता जनार्दन को काफी उम्मीद है पर देखना होगा के आम और ख़ास की उम्मीदों पर सरकार खरा उतरती है या नहीं  ?

आने वाला बजट राहत देता है या फिर महगाई के गर्त में धकेलती है चंद दिन रह गए है बजट आने में जिसके बाद ही यह तय हो पाएगा के किसको ध्यान में रख कर बजट पेश किया गया है।