होलिका दहन से कीजिए मनोकामना पूर्ण 

 01 Mar 2018  1459
  सौम्य सिंह/in24 न्यूज़  होलिका दहन की लपटें बहुत शुभकारी होती हैं. होलिका दहन की अग्नि में हर चिंता खाक हो जाती है, दुखों का नाश हो जाता है और इच्छाओं के पूर्ण होने का वरदान मिलता है. बुराई पर अच्छाई की जीत के इस पर्व में जितना महत्व रंगों का है, उतना ही होलिका दहन का भी है. ये मान्यता है कि विधि विधान से होलिका पूजा और दहन करने से मुश्किलों को खत्म होते देर नहीं लगती.  ज्योतिषियों के अनुसार होली पर अगर आप विधि विधान से परिक्रमा कर सही प्रसाद चढ़ा दें तो खाली झोली भरते देर नहीं लगेगी. क्‍योंकि इस बार होलिका दहन पर बेहद शुभ संयोग बन रहा है. होलिका दहन फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि में करना चाहिए. 1 मार्च को सुबह 8 बजकर 58 मिनट से पूर्णिमा तिथि लग चुकी है, लेकिन इसके साथ भद्रा भी लगा होगा. ऐसा नियम है कि भद्रा काल में होलिका दहन नहीं करना चाहिए. शाम में 7 बजकर 37 मिनट पर भद्रा समाप्त हो जाएगा. इसके बाद से होलिका दहन किया जाना शुभ रहेगा. होलिका पूजा और दहन में परिक्रमा बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है. कहते हैं परिक्रमा करते हुए अगर अपनी इच्छा कह दी जाए तो वो सच हो जाती है.परिक्रमा के अलावा होलिका दहन में उपलों को जलाना भी होता है बेहद जरूरी. कितने उपले जलाएं, किस आकार के उपले जलाएं ये भी आपको अपनी मनोकामना और श्रद्धा के हिसाब से तय करना होगा.परिक्रमा और उपले तो आपके सपनों को परवान चढ़ाएंगे ही, प्रसाद की अहमियत भी कुछ कम नहीं. चाहे आपको सुख समृद्धि की दरकार हो या फिर विदेश यात्रा करनी हो, सवाल नई नौकरी का हो या फिर संतान प्राप्ति का आशीर्वाद चाहिए, तो होलिका पूजन से आपकी सभी इच्छाएं भी पूरी हो सकती हैं.