आज से नए वित्त वर्ष में कई नियम आए सामने
01 Apr 2023
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संवाददाता/in24 न्यूज़.
एक अप्रैल यानी नए वित्त वर्ष 2023-24 (new financial year 2023-24) की शुरुआत आज से हो चुकी है। इसके साथ ही कई ऐसे फैसले लागू हो गए हैं, जिसका असर सीधा ज़िंदगी पर पड़नेवाला है। नई टैक्स व्यवस्था एक अप्रैल से प्रभाव में आ गई है। इस व्यवस्था के तहत यदि किसी टैक्सपेयर की वार्षिक आय 7 लाख रुपये है, तो उसे कोई टैक्स अदा नहीं करना होगा। हालांकि, निवेश और आवास भत्ता जैसी छूट वाली पुरानी टैक्स व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं किया गया है। पहली बार नई टैक्स व्यवस्था के तहत भी 50,000 रुपये की मानक कटौती के लाभ का प्रस्ताव किया गया है। वित्त मंत्री ने नई टैक्स व्यवस्था यानी बिना कोई छूट वाली टैक्स व्यवस्था को ‘डिफॉल्ट’ बनाने का प्रस्ताव किया है। इसका मतलब है कि अगर आपने आयकर रिटर्न में अपना विकल्प नहीं चुना है तो आप स्वत: नई टैक्स व्यवस्था में चले जाएंगे। इसके अलावा तकनीकी सेवाओं के लिए रॉयल्टी और शुल्क पर टैक्स की दर को 10 फीसदी से बढ़ाकर 20 फीसदी कर दिया जाएगा। पांच लाख रुपए वार्षिक प्रीमियम से अधिक की पॉलिसी के मामले में मिलने वाली राशि पर टैक्स छूट की सीमा खत्म होगी। इसके तहत, एक अप्रैल, 2023 के बाद जारी उन सभी जीवन बीमा पॉलिसी (यूनिट लिंक्ड बीमा पॉलिसी या यूलिप के अलावा) की मैच्योरिटी राशि पर टैक्स लगेगा, जिसका सालाना प्रीमियम 5 लाख रुपए से अधिक है।सरकार ने अप्रैल-जून तिमाही के लिए ज्यादातर लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरें बढ़ा दी है। हालांकि लोकप्रिय जमा योजना पीपीएफ और बैंकों में बचत जमा पर ब्याज दरें अप्रैल-जून तिमाही के लिए क्रमश: 7.1 फीसदी और चार फीसदी पर बरकरार रखी गई हैं। अन्य बचत योजनाओं में ब्याज दरों में 0.1 प्रतिशत से 0.7 प्रतिशत की वृद्धि की गई हैं। महिलाओं के लिए एक नई लघु बचत योजना महिला सम्मान बचत पत्र शुरू होगी। इसमें किसी महिला या लड़की के नाम पर दो लाख रुपए तक का एक बार में निवेश किया जा सकता है। इस योजना के तहत 7.5 फीसदी की निश्चित दर से ब्याज मिलेगा। साथ ही आंशिक निकासी का विकल्प भी मिलेगा। वरिष्ठ नागरिक बचत योजना के तहत जमा सीमा 15 लाख रुपए से बढ़कर 30 लाख रुपए हो जाएगी। वहीं मासिक आय योजना के तहत जमा सीमा बढ़ाकर 9 लाख रुपए हो जाएगी। सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 की अप्रैल-जून तिमाही के लिए ज्यादातर लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरें बढ़ा दी है। हालांकि लोकप्रिय जमा योजना पीपीएफ और बैंकों में बचत जमा पर ब्याज दरें अप्रैल-जून तिमाही के लिये क्रमश: 7.1 फीसदीऔर चार फीसदी पर बरकरार रखी गई है। अन्य बचत योजनाओं में ब्याज दरों में 0.1 फीसदी से 0.7 फीसदी की वृद्धि की गई है। एक अप्रैल से बॉन्ड या निश्चित आय वाले उत्पादों में निवेश से जुड़े म्यूचुअल फंड में शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन लगेगा। अब तक निवेशकों को इस पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन मिलता था और इस कारण यह निवेश लोकप्रिय था। फिलहाल, बॉन्ड या निश्चित आय वाले उत्पादों से जुड़े म्यूचुअल फंड में निवेश करने वाले निवेशक तीन साल के लिए पूंजी लाभ पर आयकर चुकाते हैं। एक अप्रैल से सख्त उत्सर्जन नियम लागू होने के बाद मारुति सुजुकी, टाटा मोटर्स जैसी वाहन कंपनियां अपने विभिन्न मॉडलों की कीमतों में बढ़ोतरी कर रही हैं। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने एक अप्रैल से नकद इक्विटी और वायदा एवं विकल्प खंड में लेनदेन शुल्क में छह फीसदी की वृद्धि को वापस लेने का फैसला किया है। अतिरिक्त शुल्क एक जनवरी, 2021 को प्रभावी हुआ था।विदेश यात्रा के लिए क्रेडिट कार्ड से भुगतान को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम (LRS) के दायरे में लाया जाएगा। इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि ऐसे खर्चे स्रोत पर कर संग्रह (TCS) के दायरे में आएं। देश के सूक्ष्म और लघु उद्योगों के लिए एक संशोधित ऋण गारंटी योजना एक अप्रैल से लागू होगी। इसमें एक करोड़ रुपए तक के कर्ज के लिए वार्षिक गारंटी शुल्क अधिकतम दो फीसदी से घटकर 0.37 फीसदी किया जा रहा है। इससे छोटे कारोबारियों के लिए ऋण की कुल लागत में कमी होगी। गारंटी की सीमा को दो करोड़ रुपए से बढ़ाकर पांच करोड़ रुपए कर दिया गया है। नई विदेश व्यापार नीति (FTP) भी एक अप्रैल से लागू होगी। इसका उद्देश्य देश के निर्यात को 2030 तक 2,000 अरब डॉलर तक पहुंचाना, भारतीय रुपए को वैश्विक मुद्रा बनाना और ई-वाणिज्य निर्यात को बढ़ावा देना है। एफटीपी 2023 से ई-वाणिज्य निर्यात को भी बढ़ावा मिलेगा और इसके 2030 तक बढ़कर 200-300 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। इसके अलावा, इसमें कूरियर सेवाओं के माध्यम से निर्यात के लिए मूल्य सीमा पांच लाख रुपए प्रति खेप से बढ़ाकर 10 लाख रुपए की जा रही है।एक अप्रैल से नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) के नियम भी बदल रहे हैं। अब सालाना पेंशन पाने या इससे बाहर निकलने के इच्छुक सब्सक्राइबर्स को नो योर कस्टमर (KYC) या निकासी से जुड़े डॉक्यूमेंट्स को अपलोड करना अनिवार्य कर दिया है। यानि नए वित्त वर्ष 2023-24 में इस जानकारी से बेहद लाभ उठाया जा सकता है।