आरबीआई ने दी आम लोगों को बड़ी राहत
06 Apr 2023
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संवाददाता/in24 न्यूज़।
आज आम लोगों को रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (monetary policy committee) ने बड़ी राहत दी है। नीतिगत दरों में लगातार की जा रही वृद्धि पर रोक लगाई गई है जिससे आम लोगों के घर, कार और अन्य प्रकार के ऋणों की किश्तों में बढ़ोतरी नहीं होगी। समिति ने रेपो दर को यथावत 6.5 फीसदी पर रखने का निर्णय लिया है। समिति की तीन दिवसीय बैठक के बाद आज जारी बयान में यह घोषणा की गई है। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने यह घोषणा करते हुए कहा कि पिछले वर्ष मई से अब तक रेपो दर में 2.50 फीसदी की बढ़ोतरी की जा चुकी है। फिलहाल इसमें कोई बढ़ोतरी नहीं की जा रही है लेकिन नीतिगत दरों में बढोतरी पर ब्रेक लगाने के बावजूद मौद्रिक नीति समिति भविष्य में कोई भी कदम उठाने में नहीं हिचकिचाएगी। समिति के इस निर्णय के बाद फिलहाल नीतिगत दरों में बढोतरी नहीं होगी। रेपो दर 6.5 फीसदी, स्टैंडर्ड जमा सुविधा दर (SDFR) 6.25 फीसदी, मार्जिनल स्टैंडिंग सुविधा दर (MSFR) 6.75 फीसदी, बैंक दर 6.75 फीसदी, फिक्स्ड रिजर्व रेपो दर 3.35 फीसदी, नकद आरक्षित अनुपात 4.50 फीसदी, वैधानिक तरलता अनुपात 18 फीसदी पर यथावत है।
दास ने कहा कि अर्थव्यवस्था में जारी पुनरूद्धार को जारी रखने के लिए नीतिगत दरों को यथावत रखा गया है लेकिन जरूरत पड़ने पर स्थिति के अनुरूप कदम उठाये जायेंगे। समिति ने आम सहमति से रेपो दर को 6.5 फीसदी पर रखने का निर्णय लिया है। दास ने कहा कि यह निर्णय मध्य काल में खुदरा महंगाई को रिजर्व बैंक के चार फीसदी के दायरे में रखने के लक्ष्य के अनुरूप लिया गया है। यह निर्णय विकास को गति देने का काम करेगा। उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष में महंगाई घरेलू और वैश्विक कारकों से तय होगी। खाने पीने की वस्तुओं की कीमतों में जारी उतार चढ़ाव के साथ ही वैश्विक अर्थव्यवस्था में जारी उथल पुथल एवं भूराजनैतिक स्थिति के कारण आयातित महंगाई बढ़ने का जोखिम बना हुआ है। इसके कारण विनिर्माण और सेवायें प्रभावित हो सकती है। इसके मद्देनजर भारतीय बास्केट में कच्चे तेल की औसत वार्षिक कीमत 85 डॉलर प्रति बैरल रहने और मानसून के सामान्य रहने पर चालू वित्त वर्ष में खुदरा महंगाई 5.2 फीसदी पर रह सकती है। इसके साथ ही यह पहली तिमाही में 5.1 फीसदी, दूसरी तिमाही में 5.4 फीसदी, तीसरी तिमाही में 5.4 फीसदी और चौथी तिमाही में 5.2 फीसदी रह सकती है। बता दें कि आरबीआई का यह कदम आम आदमी के लिए बड़ी राहत है।