महंगाई के मद्देनज़र रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं : आरबीआई

 08 Jun 2023  494

संवाददाता/in24 न्यूज़.
महंगाई को लक्षित दायरे में रखने के उद्देश्य से रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति ने आज नीतिगत दरों को यथावत बनाए रखने का निर्णय लिया, जिससे आम लोगों के घर, कार और अन्य प्रकार के ऋणों की किस्तों में इजाफा नहीं होगा। समिति ने रेपो दर (repo rate) को 6.5 प्रतिशत पर यथावत रखने का निर्णय लिया है। चालू वित्त वर्ष में समिति की पहली तीन दिवसीय बैठक के बाद आज जारी बयान में यह घोषणा की गई है। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने यह घोषणा करते हुए कहा कि पिछले वर्ष मई से अब तक रेपो दर में 2.50 प्रतिशत की बढ़ोतरी की जा चुकी है। फिलहाल इसमें कोई बढ़ोतरी नहीं की जा रही है लेकिन नीतिगत दरों को यथावत बनाए रखने के बीच समिति ने समयोजन वाले रूख से पीछे हटने का निर्णय लिया है। समिति के इस निर्णय के बाद फिलहाल नीतिगत दरों में बढ़ोतरी नहीं होगी। रेपो दर 6.5 प्रतिशत, स्टैंडर्ड जमा सुविधा दर (SDFR) 6.25 प्रतिशत, मार्जिनल स्टैंडिंग सुविधा दर (MSFR) 6.75 प्रतिशत, बैंक दर 6.75 प्रतिशत, फिक्स्ड रिजर्व रेपो दर 3.35 प्रतिशत, नकद आरक्षित अनुपात 4.50 प्रतिशत, वैधानिक तरलता अनुपात 18 प्रतिशत पर यथावत है। दास ने कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 में विकास दर के 7.2 प्रतिशत पर रहना भारतीय अर्थव्यवस्था और वित्तीय क्षेत्र की वैश्विक आर्थिक गतिविधियों में आयी सुस्ती के बीच सशक्त और मजबूत होने का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष में विकास दर 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है। इसके आधार पर चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में यह आठ प्रतिशत, दूसरी तिमाही में 6.5 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में छह प्रतिशत और चौथी तिमाही में यह 5.7 प्रतिशत रह सकती है। उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक पूरा ध्यान महंगाई को चार प्रतिशत के लक्षित दायरे में लाने का है। हालांकि चालू वित्त वर्ष में 5.1 प्रतिशत रह सकती है। पहली तिमाही में यह 4.6 प्रतिशत, दूसरी तिमाही में 5.2 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 5.4 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 5.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है। बता दें कि रेपो रेट में बदलाव नहीं करने से आम आदमी को बड़ी राहत मिलने वाली है।