महंगाई से घटेगी चीनी की मिठास

 19 Dec 2019  876

संवाददाता/in24 न्यूज़.
एक तरफ मंदी और दूसरी तरफ महंगाई, ऐसे में आम आदमी बेहद परेशान दिख रहा है. और जब महंगाई का साइड इफ्फेक्ट चीनी पर पड़े तो जाहिर है उसकी मिठास में कड़वाहट भी महसूस होगी। गौरतलब है कि चीनी पर भी महंगाई की मार पड़ने के आसार है. अगर सबकुछ ऐसे ही रहा तो आने वाले दिनों में आपके किचन से चीनी भी गायब हो सकती है. बताया जा रहा है कि चीनी का प्रोडक्शन कम हुआ है. बताया जा रहा है कि आने वाले दिनों में देश में चीनी की किल्लत बढ़ जाएगी और दाम आसमान छूने लगेंगे. जानकारों की मानें तो चीनी के दाम में 5 रुपए प्रति किलो के हिसाब से दाम में बढ़ोतरी होने के आसार है. चीनी मिलों के शीर्ष संगठन इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) का कहना है कि चीनी उत्पादन 15 दिसंबर तक 35 फीसदी गिरकर 45.8 लाख टन पर आ गया है. चीनी बाजार के जानकारों का कहना है कि इसके चलते आने वाले दिनों में चीनी के दाम बढ़ सकते हैं. विपणन वर्ष 2018-19 की इसी अवधि में चीनी उत्पादन 70.5 लाख टन था. इस्मा का कहना है कि 15 दिसंबर 2019 तक 406 चीनी मिलों में गन्ने की पेराई चल रही है जबकि 15 दिसंबर 2018 तक 473 मिलें पेराई कर रही थीं. उल्लेखनीय है कि इस साल चीनी के वैश्विक उत्पादन में भी गिरावट की आशंका जताई गई है. उत्पादन गिरने का अनुमान इस्मा ने चालू विपणन सत्र में कुल चीनी उत्पादन 21.5 प्रतिशत गिरकर 2.6 करोड़ टन रहने का अनुमान जताया है. इस्मा ने बयान में कहा, महाराष्ट्र और कर्नाटक में चीनी उत्पादन पिछले साल की तुलना में कम है. इसकी वजह दोनों राज्यों में मिलों का देर से काम शुरू करना है. इसके अलावा, गन्ने की पेराई से चीनी निकालने में भी पिछले साल के मुकाबले कमी आने की सूचना है. देश के सबसे बड़े चीनी उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में मिलों ने 15 दिसंबर तक 21.2 लाख टन चीनी का उत्पादन किया है. एक साल पहले इसी अवधि में यह आंकड़ा 18.9 लाख टन था. महाराष्ट्र में चीनी मिलों ने 5 दिसंबर 2019 तक 7.66 लाख टन चीनी का ही उत्पादन कर सकी हैं. इसकी तुलना में 15 दिसंबर 2018 तक 29 लाख टन का उत्पादन हुआ था.