प्याज होते हुए भी राज्य सरकारें नहीं ले रहीं

 03 Jan 2020  732

संवाददाता/in24 न्यूज़.    
आज के दौर में आम आदमी को प्याज की महंगाई ने मोहताज सा बना दिया है. हालांकि पैसेवालों को महंगाई से उतना फर्क नहीं पड़ता जितना एक गरीब और आम आदमी पर पड़ता है. ऐसे में सवाल है कि प्याज की कीमत में अभी भी राहत क्यों नहीं है! यह अब भी सौ रुपये किलो से महंगा बिक रहा है. नए प्याज की आवक अभी तक शुरू नहीं हुई है ऐसे में प्याज का विदेशों से आयात किया गया है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य सरकारें करीब 5 हजार टन प्याज नहीं उठा रही हैं जिसे दूसरे देशों से आयात किया गया है. राज्य सरकारें नए प्याज की आवक का इंतजार कर रही हैं, जिससे कीमत में नरमी आने की संभावना है. कीमत पर लगाम कसने के लिए सरकार ने तुर्की, मिस्र, अफगानिस्तान और श्रीलंका से 45 हजार टन प्याज आयात करने का फैसला किया जिसमें से 5 हजार टन प्याज का आयात हो चुका है. सैकड़ों टन रास्ते में है. संबंधित विभाग के अधिकारियों का कहना है कि राज्य सरकारें अगर प्याज नहीं उठाती हैं तो केंद्र को बहुत ज्यादा नुकसान होगा, क्योंकि लंबे समय तक प्याज को स्टोर कर नहीं रखा जा सकता है. मंडियों तक प्याज की नई फसल की आवक धीरे-धीरे शुरू हो चुकी है. महाराष्ट्र के लासलगांव मंडी में गुरुवार को 1 क्विंटल प्याज की कीमत 3500 रुपये थी जो एक महीने पहले 8600 रुपये तक पहुंच गई थी. हालांकि खुदरा मार्केट में कीमत अभी भी 90 रुपये के करीब बनी हुई है.