कोरोना खत्म होने के बाद तेजी से बढ़ेगी विकास दर : आरबीआई
17 Apr 2020
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संवाददाता/in24 न्यूज़.
कोरोना वायरस के खतरे ने देश की आर्थिक व्यवस्था पर भी गहरा असर डाला है. ऐसे में भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास रुपए में गिरावट और अन्य वित्तीय बाजारों में अस्थिरता के बीच आज मीडिया से बात की। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के चलते पैदा हुई परिस्थितियों पर आरबीआई नजर रखे हुए है। भारतीय रुपया गुरुवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 0.55 प्रतिशत गिरकर नए रिकॉर्ड निचले स्तर 76.86 पर पहुंच गया था, जबकि कोरोना वायरस संकट के चलते शेयर सूचकांकों में जनवरी के बाद से 30 प्रतिशत से अधिक की गिरावट हो चुकी है। आरबीआई गवर्नर ने आईएमएफ के अनुमानों का हवाला देते हुए कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था में 2021-22 में तेजी से सुधार की उम्मीद है। भारत के लिए आईएमएफ का जीडीपी वृद्धि अनुमान 1.9 प्रतिशत है, जो जी20 देशों में सबसे अधिक है। गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि कोरोना महामारी के प्रकोप के दौरान सामान्य कामकाज सुनिश्चित करने के लिए बैंकों, वित्तीय संस्थानों ने विशेष तैयारी की हैं और कोविड-19 महामारी के चलते पैदा हुई परिस्थितियों पर आरबीआई नजर रखे हुए है। आरबीआई गवर्नर ने 25 मार्च से देशव्यापी लॉकडाउन लागू होने के बाद से दूसरी बार मीडिया को संबोधित किया है। इससे पहले 27 मार्च को आरबीआई ने समय से पहले मौद्रिक नीति समिति की बैठक में रिपो दरों में रिकॉर्ड 0.75 प्रतिशत की कटौती करने की घोषणा की थी। इसके साथ ही रेपो दर 15 साल के निचले स्तर 4.40 प्रतिशत पर आ गई थी।