भारतीय रेलवे ने चीन को दिया ज़ोरदार झटका

 18 Jun 2020  877

संवाददाता/in24 न्यूज़.  
भारतीय रेलवे ने चीन को ज़ोरदार झटका दिया है. रेलवे ने कानपुर और मुगलसराय के बीच ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के 417 किलोमीटर के सेक्शन पर सिग्नलिंग और टेलीकम्यूनिकेशन के काम में खराब प्रगति के कारण एक चीनी कंपनी से कॉन्ट्रैक्ट समाप्त करने का फैसला किया है. रिपोर्ट के अनुसार अनुसार रेलवे ने 2016 में बीजिंग नेशनल रेलवे रिसर्च एंड डिजाइन इंस्टीट्यूट ऑफ सिग्नल एंड कम्युनिकेशन ग्रुप को 471 करोड़ का ठेका दिया था. रेलवे ने कहा कि उन्होंने कहा था कि 2019 तक काम पूरा कर लेंगे, लेकिन अभी तक केवल 20 फीसदी काम ही पूरा हुआ है. लद्दाख में चीनी सेना के साथ झड़प में भारत के 20 जवानों के शहीद होने के बाद भारत में चीनी सामानों का बहिष्कार लगातार बढ़ता जा रहा है. कहा जा रहा है कि भारत में टेलीकॉम कंपनियां भी चीनी उपकरणों का इस्तेमाल बंद कर सकती हैं. एक अंग्रेजी समाचार पत्र के मुताबिक चीनी कंपनी ने 2016 में 400 किलोमीटर से अधिक रेलवे लाइनों में सिग्नलिंग सिस्टम स्थापित करने के लिए कॉन्ट्रैक्ट जीता था. अधिकारियों ने कहा कि मेगा परियोजना में यह एकमात्र चीनी उपस्थिति है. लगभग 500 करोड़ रुपए के अनुबंध में उत्तर प्रदेश में न्यू भाऊपुर -मुगलसराय खंड में 413 किलोमीटर की दो लाइनों के लिए डिजाइनिंग, आपूर्ति, निर्माण, परीक्षण और कमीशनिंग सिग्नलिंग, दूरसंचार और संबद्ध कार्य शामिल हैं. रिपोर्ट के अनुसार सूत्रों ने कहा कि इस प्रक्रिया को शुरू करने के लिए डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने पहले ही विश्व बैंक, जो कि फंडिंग एजेंसी है, के लिए आवेदन किया है. यह पता चला है कि डीएफसीसीआईएल ने काम की प्रगति और अन्य मुद्दों से लगातार असंतुष्ट होने के बाद चीनी फर्म को बाहर करने का मन बनाया. अधिकारियों ने दोनों देशों के बीच तनाव के कारण यह निर्णय नहीं लिया है. भारत और चीन के बीच सीमा पर तनाव के बीच भारत में चीन के बहिष्कार की मांग उठने लगी है. मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि भारत अपने इक्विटी बाजारों में एक आर्थिक प्रतिक्रिया के हिस्से के रूप में चीनी पोर्टफोलियो निवेश को प्रतिबंधित कर सकता है.