सौ साल का सबसे बड़ा स्वास्थ्य और आर्थिक संकट है कोरोना : दास
11 Jul 2020
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संवाददाता/in24 न्यूज़।
वैश्विक महामारी कोरोना ने भारी संख्या में लोगों की जान ली और अब भी अपनी चपेट में लोगों को संक्रमित कर रहा है. इस जानलेवा बीमारी ने स्वास्थ्य के साथ आर्थिक रूप से भी चोट किया है. भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज सातवें भारतीय स्टेट बैंक के बैंकिंग एंड इकोनॉमिक्स कॉन्क्लेव में कहा कि कोरोना वायरस महामारी सौ साल का सबसे बड़ा स्वास्थ्य एवं आर्थिक संकट है. कोरोना वायरस पिछले सौ वर्षों में सबसे खराब स्वास्थ्य और आर्थिक संकट है जिसने उत्पादन और नौकरियों पर नेगेटिव प्रभाव डाला है. इसने पूरी दुनिया में मौजूदा व्यवस्था, श्रम और कैपिटल के मूवमेंट को कम किया है. उन्होंने कहा किकोरोना वायरस महामारी के दौरान वित्तीय व्यवस्था को बचाने और अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए आरबीआई ने कई तरह के कदम उठाए हैं. उन्होंने कहा इस जोखिम को चिह्नित करने के लिए आरबीआई ने अपने निगरानी तंत्र को मजबूत बनाया. केंद्रीय बैंक ने सितंबर 2019 से रेपो रेट में 135 आधार अंकों की कटौती की. इसी तरह आर्थिक वृद्धि दर में आई सुस्ती से निपटने के लिए ये आरबीआई ने कई कदम उठाए हैं. बता दें कि जब रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया के गवर्नर इस समस्या को गंभीरता से ले रहे हैं तो इसकी भयावहता से मुंह नहीं मोड़ा जा सकता.