चीनी राखी नहीं आने से चीन की टूटेगी कमर

 14 Jul 2020  711

संवाददाता/in24 न्यूज़.  
हर किस्म की वस्तुओं के निर्माण के लिए चीन ने पूरी दुनिया को अपनी प्रतिभा दिखाई है. खासकर डुप्लीकेट वस्तुओं को बनाने में उसे महारत हासिल है. मगर भारत ने जिस तरह चीनी उत्पादों से मुंह फेरा है तब से उसकी आर्थिक स्थिति पर जमकर चोट पहुंची है. कारोबारियों के शीर्ष संगठन कन्‍फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने इस साल रक्षाबंधन के त्यौहार को देशभर में भारतीय राखी के तौर पर मनाने की घोषणा की है। कैट ने दावा किया कि इससे चीन को 4 हजार करोड़ रुपये के कारोबार का नुकसान होगा। इसके साथ ही कैट सीमा पर तैनात भारतीय सैनिकों के लिए 5 हजार राखियां भी भेजेगा। कैट के राष्‍ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि इस साल 3 अगस्त को देशभर में रक्षाबंधन के त्यौहार को भारतीय राखी त्यौहार के रूप में मनाने का फैसला किया गया है। खंडेलवाल ने कहा कि इस बार रक्षाबंधन पर चीन में बनी राखी और राखी से जुड़े किसी सामान का इस्‍तेमाल नहीं किया जाएगा। वहीं, देश की सीमाओं की रक्षा में लगे सैनिकों का उत्‍साह बढ़ाने के लिए कंफेडरेशन की महिला शाखा केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को 5 हजार राखियां देंगी, जिसे वह हमारे जवानों तक पहुंचा सकें। इसके अलावा देश के हर शहर के सेना अस्पतालों में भर्ती सैनिकों को अस्पतालों में जाकर और विभिन्‍न शहरों में लोगों की रक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों को भी कंफेडरेशन की महिला सदस्य राखी बांधेंगी। इस महान पर्व में जिस तरह चीनी राखी के प्रति नफ़रत का माहौल गर्म हुआ है उससे जाहिर है चीन की कमर टूटेगी ही.