भ्रामक विज्ञापन दिखाने पर हो सकती है जेल

 20 Jul 2020  626

संवाददाता/in24 न्यूज़.
विज्ञापन के ज़रिये ग्राहकों को लुभाने में हर बड़ी से छोटी कंपनी लगी हुई हैं. इसी बीच एक बड़ा फैसला आया है कि अगर किसी ने भ्रामक विज्ञापन बनाने की कोशिश की तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और जेल की सलाखों के पीछे भेज दिया जाएगा. बता दें कि भ्रामक विज्ञापन देकर उपभोक्ताओं को गुमराह करना अब किसी वस्तु के विनिर्माता व सेवा प्रदाता के लिए महंगा पड़ सकता है, क्योंकि नए उपभोक्ता संरक्षण कानून में इसके लिए दस लाख तक जुर्माना और दो साल कारावास की सजा का प्रावधान है। कानून के जानकरों के मुताबिक भ्रामक विज्ञापन करने पर मशहूर हस्तियों को भी नहीं बख्शा जाएगा और इसके लिए उनकी भी जिम्मेदारी तय की जाएगी। नया उपभोक्ता संरक्षण कानून-2019 अगले सप्ताह 20 जुलाई से देशभर में लागू होने जा रहा है, जो उपभोक्ता संरक्षण कानून-1986 की जगह लेगा। नए उपभोक्ता संरक्षण कानून में विवादों के त्वरित निपटारे के लिए केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण का प्रावधान है। करीब 34 साल बाद नई शक्ल में आने वाले उपभोक्ता संरक्षण कानून-2019 के अध्याय-7 में अपराध और दंड का प्रावधान है। इसमें कहा गया है कि कोई विनिर्माता या सेवा प्रदाता अगर झूठा या भ्रामक विज्ञापन देता है तो इसके लिए दो साल कारावास की सजा और 10 लाख रुपये तक जुर्माना हो सकता है। सजा का यह प्रावधान पहली बार भ्रामक व झूठा विज्ञापन का दोषी पाए जाने पर है। जबकि अगली बार भी दोषी पाए जाने पर पांच साल तक कारावास की सजा और 50 लाख तक जुर्माना का प्रावधान है। कोलकाता उच्च न्यायालय की अधिवक्ता दिशा शुक्ला ने आईएएनएस से कहा कि उपभोक्ता संरक्षण कानून 2019 में उपभोक्ता के हितों का विशेष ध्यान रखा गया है और झूठे व गुमराह करने वाले विज्ञापन देने वालों के लिए सजा का प्रावधान किया गया है। नए कानून के लागू होने पर फिल्म जगत के अभिनेता, अभिनेत्री समेत तमाम मशहूर हस्तियां किसी कंपनी के उत्पाद का विज्ञापन करने के लिए अनुबंध करने से पहले उत्पाद की गुणवत्ता को जरूर परखेंगे क्योंकि भ्रामक विज्ञापन देने पर उनकी भी जिम्मेदारी तय की जाएगी। अब देखना होगा कि विज्ञापन बनाने वाली कंपनियों का इस नए क़ानून के तहत क्या रुख होता है.