सिर्फ छह बैंक रहेंगे सरकारी बाकी सभी का होगा निजीकरण

 21 Jul 2020  746

संवाददाता/in24 न्यूज़.
मोदी सरकार के एक अहम फैसले के बाद जल्द ही बड़े पैमाने पर बैंकों के निजीकरण का मामला सामने आनेवाला है. केंद्र सरकार ने बड़े वित्तीय फैसले से पहले छह बैंकों को छोड़ कर बाकी सभी बैंकों के निजीकरण पर सहमति बनाई है। जिसकी औपचारिक घोषणा अभी बाकी है। चरणबद्ध तरीके से निजीकरण की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। पहले चरण में 5 सरकारी बैंकों की हिस्सेदारी बेची जाएगी। सबसे पहले बैंक ऑफ़ महाराष्ट्र और  आइओबी की बारी होगी, इसके बाद बैंक ऑफ़ इंडिया और सेंट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया का भी निजीकरण किया जाएगा। इसी फेहरिस्त में यूको बैंक भी शामिल है। हाल के दिनों में निजी बैंकों पर लोगों का भरोसा कम हुआ है। हालांकि सरकारी बैंकों के निजीकरण की प्रक्रिया में ग्राहक हितों का पूरा ध्यान दिया जाएगा। इस बारे में कैबिनेट ड्राफ्ट नोट भी तैयार होने की बात कही जा रही है। हालांकि निजीकरण के व्यापक विरोध की भी आशंका जताई जा रही है। खासकर कर्मचारियों की तरफ से इसकी मुखालफत की जाएगी। साथ ही इस बड़े फैसले पर सरकार को विपक्षी पार्टियों से भी निपटना होगा। यानी इस फैसले के बाद जहां बैंककर्मी विरोध में उतरेंगे तो वहीं विपक्ष भी इसपर सियासत करने से बाज नहीं आएगा.