कोरोना के दौर में आर्थिक स्थिति में सुधार की संभावना नहीं

 06 Aug 2020  582

संवाददाता/in24 न्यूज़.  
एक तरफ देश कोरोना से परेशान है तो दूसरी तरफ महंगाई से. ऐसे में रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने इशारा किया है कि यह समस्या तत्काल खत्म नहीं होगी. भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से द्विमासिक मौद्रिक नीति के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि मौद्रिक नीति समिति की बैठक चार अगस्त से छह अगस्त 2020 के बीच हुई। एमपीसी ने रेपो रेट को चार फीसद पर पूर्व स्थिति में ही रखा है। दास ने कहा कि क्रेडिट ग्रोथ छह फीसद पर है, जो पिछले छह दशकों में सबसे निचले स्तर पर है। बता दें कि रिजर्व बैंक की मॉनेटेरी पॉलिसी कमेटी की बैठक में आज रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं किया गया। गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि रेपो रेट को 4 फीसद और रिवर्स रेपो रेट को 3.3 फीसद पर बरकरार रखा गया है। लेकिन उन्होंने कहा कि भविष्य में कोविड-19 संकट की मार झेल रही अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिए जरूरत पड़ने पर दरों में और अधिक कटौती की जा सकती है। गवर्नर शक्तिकांत दास ने केन्द्रीय बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) द्वारा लिए गए निर्णयों की घोषणा करते हुए कहा कि बेंचमार्क पुनर्खरीद (रेपो) दर को 4 फीसद पर अपरिवर्तित छोड़ दिया गया है। इसलिए रिवर्स रेपो दर भारतीय रिजर्व बैंक के पास रखी गई जमा राशि के लिए बैंकों के वास्ते 3.35 फीसद अर्जित करना जारी रखेगा। उन्होंने कहा कि एमपीसी ने ब्याज दर को अपरिवर्तित रखने के लिए मतदान किया और विकास को समर्थन देने के लिए अपने आक्रामक रुख को जारी रखा है। भारतीय रिजर्व बैंक ने पिछली 22 मई को अपनी नीतिगत दर में बदलाव किया था। यानी आम आदमी की मुसीबत फिलहाल कम होती नहीं दिख रही है.