ग्रैच्युटी के नाम पर सरकार का बड़ा तोहफा

 20 Sep 2020  587

संवाददाता/in24 न्यूज़.  
ग्रैच्युटी के मुद्दे पर सरकार ने आम कर्मचारियों को बड़ी राहत दी है. संसद के मानसून सत्र में हंगामे के बीच केंद्र सरकार ने श्रम सुधारों से जुड़े तीन विधेयक लोकसभा में पेश कर दिये हैं। इनमें शामिल है ऑक्‍यूपेशनल सेफ्टी, हेल्‍थ एंड वर्किंग कंडीशन कोड 2020, इंडस्‍ट्रीयल रिलेशंस कोड 2020 और सोशल सिक्‍योरिटी कोड 2020, सोशल सिक्योरिटी कोड इनमें काफी अहम माना जा रहा है क्योंकि ये सीधे तौर पर कर्मचारियों के आर्थिक हितों से जुड़ा है। सामाजिक सुरक्षा का बड़ा संबल ग्रेच्युटी है। लेकिन इससे पहले ग्रैच्यूटी की रकम पाने के लिए कर्मचारियों को पांच साल काम की अवधि पूरी करनी होती थी। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। अगर किसी भी कंपनी में आपने एक साल भी काम किया है तो आप ग्रैच्युटी के हकदार होंगे। ग्रैच्युटी की रकम कैलकुलेट करने के लिए तय नियम और फॉर्मूला है। कुल ग्रेच्युटी की रकम (अंतिम सैलरी) x (15/26) x (कंपनी में कितने साल काम किया)। माना किसी कर्मचारी ने 18 साल एक कंपनी में काम किया। उस कर्मचारी की अंतिम सैलरी 75000 रुपये (बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ता मिलाकर) है। यहां महीने में 26 दिन ही काउंट किया जाता है, क्योंकि माना जाता है कि 4 दिन छुट्टी होती है। वहीं एक साल में 15 दिन के आधार पर ग्रेच्युटी का कैलकुलेशन होता है। कुल ग्रेच्युटी की रकम (75000) x (15/26) x (18) 865385 रुपये-इस तरह ग्रेच्युटी की कुल रकम निकाली जाती है। नौकरी से इस्तीफा देते समय कर्मचारी को ये रकम भुगतान करनी होती है।अगर किसी कर्मचारी ने निश्चित साल के साथ कुछ महीने काम किया है तो राउंड फिगर में साल की गणना होगाी। मसलन 5 साल 8 महीने के लिए 6 साल के हिसाब से गणना होगी। इसी तरह 6 साल 2 महीने के लिए 6 साल ही मानी जाएगी। सोशल सिक्‍योरिटी कोड 2020 के तहत अब कांट्रैक्ट पर काम करने वाले कर्मचारियों को भी ग्रैच्युटी का हक होगा। साथ ही इस लाफ से नियोक्ता इनकार नहीं कर सकता है। सोशल सिक्‍योरिटी कोड 2020 बिल को संसद में पास होना है। इसके अलावा राष्ट्रपति की मुहर लगनी है फिर ये कानून लागू हो जाएगा। अगर कंपनी में कोई शख्स काम करता है तो उसके लिए सैलरी और बोनस का प्रावधान है। जब वो कंपनी छोड़ता है तो उसे ग्रैच्युटी दी जाती है। मतलब कि मालिक ने खुश होकर बख्शिश दी है। पहले पुराने मतलब कम से कम पांच साल काम कर चुके कर्मचारी को ही ये ग्रैच्युटी मिलती थी। अब सरकार के प्रस्तावित नए कानून एक साल तक काम करने वालों को भी मिलेगी ग्रैच्युटी। फिलहाल ग्रैच्युटी का भुगतान पेमेंट ऑफ ग्रेच्‍युटी एक्‍ट, 1972 कानून के तहत नियंत्रित होता है। अब ये व्यवस्था पूरी तरह बदल जाएगी। कोरोना काल में यह खबर आम लोगों के लिए यह एक बड़ी खुशखबरी साबित होगी.