मसालों के सरताज धर्मपाल गुलाटी का निधन
03 Dec 2020
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संवाददाता/in24 न्यूज़.
मसालों की दुनिया में एक नाइ कामयाबी लिखनेवाले शख्स और एमडीएच ग्रुप के मालिक और भारत के मसालों के बादशाह कहे जाने वाले महाशय धर्मपाल गुलाटी का निधन हो गया है. उन्होंने 98 साल की उम्र में माता चन्नन देवी हॉस्पिटल में अंतिम सांस ली. लंबी बीमारी के चलते वह पिछले कई दिनों से हॉस्पिटल में एडमिट थे. उनका निधन हार्ट अटैक की वजह से हुआ. महाशय धर्मपाल के निधन पर देश के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने दु:ख जताया. राजनाथ सिंह ने कहा कि देश के प्रतिष्ठित कारोबारियों में से एक महाशय धर्मपालजी के निधन से मुझे दुःख की अनुभूति हुई. उन्होंने छोटे व्यवसाय से अपनी यात्रा शुरू की थी, इसके बावजूद अपनी एक अलग पहचान बनाई. सामाजिक कार्यों में भी वह काफी सक्रिय थे. राजनाथ सिंह ने कहा कि उनके परिवार के प्रति वह अपनी संवेदना व्यक्त करते हैं. बता दें कि उनको कोरोना वायरस हुआ था, जिससे वह ठीक हो गए थे. इसके बाद उनका हार्ट अटैक हुआ और उनकी मौत हो गई. पिछले साल व्यापार और उद्योग में उल्लेखनीय योगदान के लिए उन्हें देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों पद्मभूषण से नवाजा गया था. उनका जन्म 27 मार्च, 1923 को पाकिस्तान के सियालकोट में हुआ था. जब साल 1947 में देश का बंटवारा हुआ तो वह भारत आ गए थे. उस समय उनके पास मात्र 1,500 रुपये थे. यहां आकर उन्होंने अपने परिवार के भरण-पोषण के लिए तांगा चलाना शुरू किया था. इसके बाद उनके परिवार के पास इतनी संपत्ति जमा हो गई थी कि उन्होंने दिल्ली के करोल बाग स्थित अजमल खां रोड पर मसाले की एक दुकान खोली थी. इसी दुकान से वह मसाले के व्यापार में उतरे और अपना कारोबार धीरे-धीरे इतना फैला दिया कि आज उन्हें देश का मसाला किंग कहा जाने लगा था. उनकी भारत और दुबई में आज मसाले की 18 फैक्ट्रियां हैं. इन फैक्ट्रियों में तैयार मसाला वह पूरी दुनियाभर में पहुंचाते हैं. उत्तर भारत के 80 प्रतिशत बाजार पर कंपनी अपने कब्जे का दावा करती है. बता दें कि धर्मपाल गुलाटी खुद अपने उत्पादों का ऐड करते थे. उन्हें टीवी पर अक्सर अपने मसालों के बारे में बताते देखा गया. उन्हें दुनिया का सबसे उम्रदराज ऐड स्टार माना जाता था. वह पांचवीं कक्षा तक ही पढ़े थे. भले ही उन्होंने किताबी शिक्षा ज्यादा नहीं ली थी, लेकिन कारोबार में बड़े-बड़े दिग्गज उनके सामने पानी मांगते थे. अपनी सैलरी का करीब 90 फीसदी हिस्सा वह दान कर देते थे. धर्मपाल गुलाटी 20 स्कूल और 1 हॉस्पिटल चलाते थे. गौरतलब है कि धर्मपाल गुलाटी ने ही मसालों को डब्बाबंद करने की शुरुआत की थी.