ऑटो उद्योग की लॉकडाउन ने तोड़ी कमर
16 Dec 2020
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संवाददाता/in24 न्यूज़.
कोरोना काल और लॉकडाउन के बीच अनेक व्यवसायों पर भी जमकर प्रभाव पड़ा. राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू को सौंपी गई एक संसदीय पैनल की रिपोर्ट के अनुसार कोविड-19 महामारी और उसके बाद लॉकडाउन के मद्देनजर मोटर वाहन उद्योग को प्रतिदिन 2,300 का नुकसान हुआ और सेक्टर में नौकरी का लगभग 3.45 लाख का नुकसान हुआ. तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के सांसद केशव राव की अध्यक्षता वाली संसदीय स्थायी समिति ने देश में मोटर वाहन क्षेत्र में निवेश को आकर्षित करने के उपायों के बारे में भी सुझाव दिया है. समिति को ऑटो उद्योग संघों द्वारा सूचित किया गया था कि सभी प्रमुख मूल उपकरण निर्माताओं ओरिजिनल इक्विपमेंट मैनुफैक्चरर्स ने कम मांग और वाहनों की बिक्री में गिरावट के कारण अपने उत्पादन में 18-20 फीसदी की कटौती की है. परिणामस्वरूप पैनल ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि ऑटोमोबाइल सेक्टर प्रभावित हुआ है और ऑटो सेक्टर में 3.45 लाख का नुकसान हुआ है. ऑटो इंडस्ट्री सेक्टर में मैनपावर की हायरिंग रोक दी गई है. इसके अलावा 286 ऑटो डीलरों को बंद कर दिया गया है. जबकि ऑटोमोबाइल सेक्टर में उत्पादन में कटौती का कंपोनेंट इंडस्ट्री पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जो ऑटोमोबाइल स्पेयर पार्ट्स निर्माण में लगे सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है. उद्योग संगठन अस्सोकॉम ने नए कृषि कानूनों पर गतिरोध को हल करने के लिए सरकार और किसान संगठनों से आग्रह करते हुए कहा कि जारी विरोध क्षेत्र की इंटर-कनेक्टेड अर्थव्यवस्थाओं के लिए एक बड़ा झटका है. अस्सोकॉम के मोटे अनुमान के अनुसार, विरोध के कारण वैल्यू चैन और ट्रांसपोर्ट में रुकावट के कारण क्षेत्र की अर्थव्यवस्थाओं में 3,000 करोड़ से 3,500 करोड़ रुपये का दैनिक नुकसान होता है. बता दें कि अब भी कोरोना का संकट बरकरार है और कई उद्योग इससे प्रभावित हो रहे हैं.