होली में कोरोना से भारी आर्थिक नुक्सान
27 Mar 2021
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संवाददाता/in24 न्यूज़।
भले ही होली का त्यौहार आ गया है, पर पूरी दुनिया में जिस तरह जानलेवा महामारी कोरोना का आतंक है उसे देखते हुए इस त्यौहार से कमाई करनेवालों को भारी आर्थिक नुक्सान हो रहा है। कोरोना,लॉकडाउन की दोहरी मार झेल रहे व्यापारी, दुकानदार, कलाकार, खाद्य पदार्थ दुकानदार, मिष्ठान, कलर तैयार करने वाली कंपनियों को इस वर्ष होली ने बदरंग कर दिया है। इस महामारी की वजह से करोड़ों का नुकसान हुआ है। दिसंबर-जनवरी में हालात सुधर रहे थे। व्यापार की रौनक लौटने लगी थी। फिर कोरोना की परशानी शुरू हो गई। कोरोना रोगियों की बढ़ती संख्या को ध्यान में रखते हुए पुणे जिला प्रशासन समेत पूरे महाराष्ट्र में सार्वजनिक होली खेलने पर प्रतिबंध लगाया गया है। पर्यटक स्थलों पर रोक लगाई गई है। ऐसे में कारोबारियों की मुश्किलें बढने लगी हैं। खरीद-बिक्री में दुष्परिणाम देखने को मिल रहा है। खासतौर पर होली में मिठाई, अबीर गुलाल, नमकीन, ड्राई फ्रूट, खिलौने, होलिका में कच्ची लकड़ी, कुर्ता-पाजामा, टी शर्ट, होली साड़ी, ठंडई, कोल्ड ड्रिंक जैसे व्यापार पर बड़े पैमाने पर असर पड़ने लगा है। हर वर्ष होली में हजारों सामाजिक, सांस्कृतिक, होली मिलन समारोह का आयोजन होता था। कलाकारों की अच्छी खासी कमाई होती थी। चाय, पान, भोजन के साथ टेंट हाउस, हलवाई, काम करने वाले कर्मचारी आदि की कमाई होती थी। लेकिन इस साल होली प्रतिबंध ने कलाकारों के चेहरे से गुलाल उड़ा लिया है। वैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल के मुताबिक़ खुदरा व्यापारियों को बड़ा झटका लगा है। कपड़ा उद्योग को 800 करोड़ का फटका लगा है। होली में कपड़ा कारोबार को 25-30 प्रतिशत का घाटा उठाना पड़ेगा। अकेले महाराष्ट्र में कपड़ा उद्योग को 700 से 800 करोड़ का नुकसान उठाना होगा। पिंपरी चिंचवड शहर के पिंपरी कैम्प बाजारपेठ मेन बाजार कपड़ा व्यापारियों से पटा है। यहां अकेले 50 करोड़ के नुकसान का अनुमान है। बता दें कि पुणे कैम्प और लक्ष्मी रोड में यह नुकसान डबल है। ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के बाल मलकीत के मुताबिक कोरोना के कारण घोषित लॉकडाउन से ट्रांसपोर्ट सेक्टर को बहुत बड़ी क्षति पहुंची है। पहले से ही 30 फीसदी गाड़ियां कम चल रही थीं। पेट्रोल डीजल की बढ़ी कीमतों ने ट्रांसपोर्ट सेक्टर पर असर डाला है। स्थिति सुधारने की आस जगी थी लेकिन फिर से कोरोना के बढ़ते प्रकोप ने स्थिति बिगाड़ दी है। बता दें कि इन समस्याओं के साथ की कोरोना का खतरा भी बरकरार है।