होली पर और सस्ता हुआ सोना
27 Mar 2021
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संवाददाता/in24 न्यूज़.
होली के अवसर पर सोना खरीदने वाले ग्राहकों के लिए भारतीय बाजारों में आज सोना कल के मुकाबले कम कीमत पर बेचा जा रहा है. अगस्त 2020 में सोना 56000 के उच्च स्तर पर पहुंच गया था, तब से सोना अब तक 11500 सस्ता हो चुका है. एमसीएक्स पर सोना वायदा गिरकर 44,650 रुपये पर था, जबकि चांदी 64,684 प्रति किलोग्राम पर था. पिछले सत्र में सोना 0.35 फीसदी गिरा था जबकि चांदी में 0.5 फीसदी की गिरावट आई थी. इस महीने की शुरुआत में सोने की कीमतें 44,150 पर थी, जो कि साल का सबसे निचला स्तर था. आज की गिरावट के बाद सोना अगस्त के 56,200 के उच्च स्तर से 11,500 सस्ता हो चुका है. वैश्विक बाजारों में सोने की दरें आज 1,726 डॉलर प्रति औंस पर थीं. आज नई दिल्ली में 22 कैरेट सोने की कीमत 43440 रुपये प्रति 10 ग्राम है, जबकि चेन्नई में यह घटकर 42,320 रुपये रह गया. मुंबई में यह दर 43,750 रुपये थी. चेन्नई में 24 कैरेट सोने की कीमत 46,170 रुपये प्रति 10 ग्राम थी. वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक देश के चालू खाते के घाटे (cad) पर सोने का आयात अप्रैल-फरवरी 2020-21 के दौरान 3.3 प्रतिशत गिरकर 26.11 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया. अप्रैल-फरवरी 2019-20 में सोने का आयात 27 बिलियन अमरीकी डॉलर रहा. चालू वित्त वर्ष के 11 महीनों के दौरान सोने के आयात में गिरावट ने देश के व्यापार घाटे को 84.62 बिलियन अमरीकी डॉलर तक सीमित करने में मदद की है, जबकि एक साल पहले यह 151.37 बिलियन अमरीकी डॉलर था. भारत सोने का सबसे बड़ा आयातक है, जो मुख्य रूप से आभूषण उद्योग की मांग को पूरा करता है. भारतीय अपनी सोने और चांदी की जरूरतों का थोक आयात करता है. जुलाई 2019 से ड्यूटी 10 फीसदी बढ़ी थी, इसलिए सोने की कीमतों में तेजी से वृद्धि हुई. 1 फरवरी को पेश बजट में सरकार ने कस्टम ड्यूटी में कटौती की है. सोने पर आयात शुल्क को 7.5 फीसदी तक कम करना जेम्स एंड ज्वैलरी उद्योग की लंबे समय से चली आ रही मांग थी. अधिक आयात शुल्क न केवल अप्रत्यक्ष रूप से अवैध सोने के लेनदेन को बढ़ावा दे रहा था, बल्कि सरकार के राजस्व को भी नुकसान पहुंचा रहा था. माना जा रहा है कि इससे तस्करी पर भी लगाम लगेगी. जेम एंड ज्वैलरी उद्योग ने आगामी केंद्रीय बजट 2021-22 में सोने पर सीमा शुल्क में चार प्रतिशत की कटौती करने की मांग की थी. बता दें कि कोरोना काल में आम आदमी की कमर आर्थिक रूप से टूटी हुई है.